पैर की टूटी उंगली के बावजूद लगाया अर्ध शतक,
मैनचेस्टर टेस्ट में ऋषभ पंत की जुझारू पारी, टेस्ट सीरिज से हुए बाहर
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज़ ऋषभ पंत ने मैनचेस्टर टेस्ट की पहली पारी में fractured toe (टूटी हुई अंगुली) के बावजूद मैदान पर उतरकर एक मिसाल कायम कर दी। मैच के दौरान पैर में गंभीर चोट लगने के बाद भी पंत ने टीम की ज़रूरत को प्राथमिकता दी और दर्शकों की तालियों के बीच फिर से बल्लेबाज़ी करने उतरे।
बैसाखियों के सहारे लौटे पंथ
मैच के दौरान बाएं पैर में चोट लगने के बाद पंत को बैसाखियों (crutches) के सहारे मैदान में आते हुए देखा गया, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने मैदान पर उतरकर अर्धशतक जड़ा और टीम को मज़बूत स्थिति में पहुंचाया। भारतीय बल्लेबाज़ी कोच के अनुसार, पंत पांचवें दिन भी बल्लेबाज़ी करने के लिए तैयार थे। हालांकि रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर की साझेदारी ने यह ज़रूरत नहीं आने दी।
पंत सीरीज़ से बाहर, लेकिन जीत लिया दिल
अब पंत को आगामी टेस्ट से बाहर कर दिया गया है और वह ओवल टेस्ट में टीम का हिस्सा नहीं होंगे। लेकिन उनके इस साहसी प्रयास ने ड्रेसिंग रूम से लेकर पूरे देश में भावनाओं की लहर दौड़ा दी है।
गंभीर ने कहा - "तुमने एक पीढ़ी को प्रेरित किया"
बीसीसीआई द्वारा जारी एक वीडियो में भारत के हेड कोच गौतम गंभीर ने ऋषभ पंत की जमकर तारीफ की। गंभीर ने कहा, “इस टेस्ट टीम की नींव उस चीज़ पर खड़ी होगी जो तुमने की है ऋषभ। मैं आमतौर पर किसी एक खिलाड़ी की तारीफ नहीं करता, लेकिन तुमने इस ड्रेसिंग रूम को ही नहीं, बल्कि अगली पीढ़ी को भी प्रेरित किया है। यह तुम्हारी खुद की बनाई गई विरासत है और देश हमेशा तुम पर गर्व करेगा।”
सुंदर बोले - "वो सिर्फ खिलाड़ी नहीं, देश का बेटा है"
वहीं मैनचेस्टर टेस्ट के हीरो वाशिंगटन सुंदर ने कहा, “वो किस दर्द से गुज़रा, ये शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। उसका पैर बहुत ज्यादा सूजा हुआ था। चलना भी मुश्किल था, लेकिन उसने उससे कहीं ज़्यादा किया। वो सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, देश का बेटा है, और पूरा देश उस पर गर्व करता है।”
पंत बोले - "व्यक्तिगत लक्ष्य नहीं, टीम पहले"
ऋषभ पंत ने खुद अपने इस प्रयास पर कहा, “यह सिर्फ मेरी ओर से एक छोटा सा प्रयास था। जो भी करना पड़े, मैं अपनी टीम को जीत दिलाने के लिए करूंगा। व्यक्तिगत लक्ष्य से ज़्यादा ज़रूरी है टीम का आगे बढ़ना।” आखिर में उन्होंने ड्रेसिंग रूम को एक ही संदेश दिया, “बस इतना कहूंगा, चलो लड़कों, ये मैच जीतना है!”