गंतव्य से बस कुछ ही सेकेण्ड दूर था विमान और एक ही झटके में मच गई तबाही,
रशिया में 49 लोगों की मौत से मचा कोहराम
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
Russian Plane Crash: रूस के सुदूरवर्ती अमूर क्षेत्र से एक दुखद और गंभीर विमान हादसे की खबर सामने आई है। एंगारा एयरलाइंस का एक Antonov An-24 यात्री विमान, जिसमें 48 लोग सवार थे, गुरुवार को टिंडा हवाईअड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान ने लैंडिंग से ठीक पहले एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क खो दिया था और कोई डिस्ट्रेस सिग्नल (आपात संकेत) भी नहीं भेजा गया।
जलते मलबे की तस्वीरें और हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू
रूसी आपातकालीन मंत्रालय ने पुष्टि की कि विमान का मलबा टिंडा से 15 किलोमीटर दक्षिण में एक घने जंगल और पहाड़ी इलाके में पाया गया। सरकारी मीडिया द्वारा जारी की गई तस्वीरों में झुलसा हुआ मलबा, पेड़ों में उलझा धातु का ढांचा और धुएं के गुबार साफ दिखाई दे रहे हैं। Mi-8 हेलिकॉप्टर सहित राहत टीमें मौके पर भेजी गईं, लेकिन शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार किसी के भी जीवित होने के संकेत नहीं मिले हैं।
दो बार लैंडिंग की कोशिश, फिर टूटा संपर्क
अमूर क्षेत्र के गवर्नर वासिली ओरलोव ने बताया कि विमान में 43 यात्री, जिनमें 5 बच्चे शामिल थे, और 6 चालक दल के सदस्य सवार थे। हालांकि, आपात मंत्रालय ने बाद में संख्या 48 बताई, जिससे कुछ विरोधाभास पैदा हो गया है। ट्रांसपोर्ट प्रॉसिक्यूटर ऑफिस के अनुसार, क्रैश से पहले चालक दल ने टिंडा पर दोबारा लैंडिंग की कोशिश की थी। संपर्क टूटने से पहले मौसम खराब था, जिससे लैंडिंग में रुकावटें आ रही थीं।
कोई चेतावनी नहीं, क्या चूक हुई ?
इंटरफैक्स द्वारा उद्धृत सूत्रों ने बताया कि मौसम संबंधी परेशानियाँ हो सकती हैं, लेकिन इस बात ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि डिस्ट्रेस सिग्नल क्यों नहीं भेजा गया? पूर्वी अंतर-क्षेत्रीय ट्रांसपोर्ट जांच विभाग ने हादसे की जांच शुरू कर दी है और रूसी दंड संहिता की धारा 263(3) के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया है, जो उड़ान सुरक्षा के उल्लंघन के कारण हुई कई मौतों से संबंधित है।
अब सवालों के घेरे में An-24
An-24, जिसे 1950 के दशक में सोवियत संघ में विकसित किया गया था, आज भी रूस के सुदूर और कठिन क्षेत्रों में क्षेत्रीय उड़ानों के लिए उपयोग में है। यह ट्विन टर्बोप्रॉप विमान अपनी मजबूती और छोटे रनवे पर उड़ान भरने की क्षमता के लिए जाना जाता है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में इसकी पुरानी तकनीक को लेकर चिंता बढ़ी है। 1000 से अधिक An-24 विमान बनाए गए थे, जिनमें से कई आज भी साइबेरिया और रूस के सुदूर पूर्वी इलाकों में उड़ान भरते हैं।