नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़: 18 की मौत, 15 घायल,
आरपीएफ की जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे
3 months ago
Written By: News Desk
शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर जो हुआ, वह किसी भयानक सपने से कम नहीं था। हर तरफ अफरा-तफरी, चीख-पुकार, घबराए हुए यात्री और जान बचाने के लिए भागती भीड़... स्टेशन का मंजर खौफनाक था। प्रयागराज जानेवाली कुंभ स्पेशल ट्रेन के प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा होते ही प्लेटफॉर्म्स और फुटओवर ब्रिज पर ऐसी भगदड़ मची कि 18 लोगों की जान चली गई, जबकि 15 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद रेलवे ने जांच के आदेश दिए थे और अब इस हादसे की जांच रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
प्लेटफॉर्म बदलने से मची भगदड़
शनिवार रात 8:45 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक घोषणा की गई कि प्रयागराज जानेवाली महाकुंभ स्पेशल ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर 12 से रवाना होगी। यात्रियों ने इस घोषणा के अनुसार अपनी तैयारियां कर लीं, लेकिन कुछ देर बाद रेलवे प्रशासन ने एक और घोषणा की कि अब यह ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर 16 से रवाना होगी। जैसे ही यह घोषणा हुई, हजारों की भीड़ प्लेटफॉर्म 12 से 16 की ओर बढ़ने लगी।
इसी दौरान प्लेटफॉर्म 14 पर मगध एक्सप्रेस खड़ी थी, प्लेटफॉर्म 15 पर उत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस और प्लेटफॉर्म 14 पर ही प्रयागराज एक्सप्रेस में चढ़ने के लिए यात्रियों की भीड़ पहले से मौजूद थी। घोषणा होते ही प्लेटफॉर्म 12-13 और 14-15 की सीढ़ियों पर यात्री चढ़ने लगे, जिससे फुटओवर ब्रिज नंबर 2 और 3 पर भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। इसी भीड़ में कुछ यात्री फिसल गए और अचानक भगदड़ मच गई। कई लोग नीचे गिर पड़े और लोगों के पैरों तले कुचले गए।
RPF की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे
रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार, भगदड़ की वजह कुंभ स्पेशल ट्रेन के प्लेटफॉर्म बदलने की अंतिम क्षणों में हुई घोषणा थी। रिपोर्ट में सामने आया कि हादसे से कुछ समय पहले प्लेटफॉर्म नंबर 12 से ट्रेन नंबर 12560 शिव गंगा एक्सप्रेस रवाना हुई थी। उसके बाद प्लेटफॉर्म पर अचानक भीड़ बढ़ने लगी। फुटओवर ब्रिज 2 और 3 पूरी तरह से भीड़ से जाम हो गए थे। प्लेटफॉर्म 12 से 16 तक भारी संख्या में यात्री मौजूद थे, जिससे स्थिति बेकाबू हो गई। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के सहायक सुरक्षा आयुक्त ने स्थिति को देखते हुए स्टेशन निदेशक को निर्देश दिया कि ज्यादा टिकट न बेचे जाएं। कर्मचारियों को तुरंत प्लेटफॉर्म और फुटओवर ब्रिज पर तैनात करने का आदेश दिया गया था। भगदड़ के दौरान प्रशासन ने ट्रेन को तुरंत रवाना करने का आदेश दिया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
रेलवे प्रशासन पर उठ रहे सवाल
रेलवे प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठ रहे हैं। अचानक ट्रेन का प्लेटफॉर्म बदलना ही इस हादसे की मुख्य वजह बना। सवाल यह भी है कि अगर भीड़ ज्यादा थी, तो पहले से ही पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम क्यों नहीं किए गए?
हादसे पर रेल प्रशासन का बयान
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) हिमांशु शेखर उपाध्याय ने कहा कि पहली नजर में हादसे की वजह भीड़ का अनियंत्रित हो जाना लगता है। प्रयागराज एक्सप्रेस को प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर आना था, लेकिन आरक्षित यात्रियों के अलावा अन्य यात्री भी उसमें सवार होने के लिए जुट गए। इससे भीड़ बढ़ गई और स्थिति बिगड़ गई। रेलवे के कई विभागों को अपनी रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। इन रिपोर्ट्स को मंत्रालय द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति को भेजा जाएगा, जो हादसे की गहराई से जांच करेगी।