SSC परीक्षा को लेकर दिल्ली में शिक्षकों और छात्रों का हल्ला बोल,
कई चर्चित शिक्षकों को पुलिस नें हिरासत में लिया
2 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की परीक्षाओं में लगातार हो रही अनियमितताओं, तकनीकी खामियों और धांधलियों के खिलाफ गुरुवार को राजधानी दिल्ली में छात्रों और शिक्षकों का गुस्सा फूट पड़ा। 'दिल्ली चलो' के आह्वान पर देशभर से पहुंचे छात्रों और प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग देने वाले नामचीन शिक्षकों ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
पुलिस ने शिक्षकों के कॉलर तक पकड़े
प्रदर्शनकारी शांतिपूर्वक अपनी शिकायतें सरकार तक पहुंचाने आए थे, लेकिन जैसे ही उन्होंने मंत्री से मिलने की कोशिश की, पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की और हालात तनावपूर्ण हो गए। इसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया और कई छात्रों व शिक्षकों को हिरासत में ले लिया गया। मैथ्स टीचर आदित्य रंजन, इंग्लिश टीचर नीतू मैम, अभिनय सर सहित कई शिक्षकों को नजफगढ़ थाने में डिटेन किया गया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में पुलिस शिक्षकों को कॉलर पकड़कर खींचती दिख रही है, जिससे नाराजगी और तेज हो गई है।
शाम को जंतर-मंतर पर फिर जुटे छात्र, मांगी रिहाई
शाम होते-होते जंतर-मंतर पर एक बार फिर 100 से अधिक छात्र और शिक्षक एकत्र हुए। इनका स्पष्ट कहना था कि हिरासत में लिए गए लोगों को तत्काल छोड़ा जाए और छात्रों की मांगों पर गंभीरता से विचार हो।
क्या हैं छात्रों की मांगें ?
प्रदर्शन कर रहे छात्रों और शिक्षकों ने SSC परीक्षाओं में कई गड़बड़ियों की ओर इशारा किया, जिनमें शामिल हैं-
-
एडमिट कार्ड देर से जारी होना: कुछ छात्रों को परीक्षा से सिर्फ दो दिन पहले ही एडमिट कार्ड मिला।
-
गलत सेंटर अलॉटमेंट: कानपुर के छात्र को कर्नाटक के उडुपी और जयपुर के छात्र को अंडमान-निकोबार भेज दिया गया।
-
तकनीकी गड़बड़ियां: सर्वर क्रैश, माउस न चलना, स्क्रीन बंद होना जैसी दिक्कतें परीक्षा के दौरान आम हो गईं।
-
बदसलूकी की घटनाएं: परीक्षा केंद्रों पर स्टाफ द्वारा अभ्यर्थियों से गलत व्यवहार किया गया।
-
ब्लैकलिस्टेड कंपनी को परीक्षा सौंपना: Eduquity नाम की कंपनी, जो पहले व्यापम घोटाले में फंसी थी और ब्लैकलिस्टेड है, उसे अब SSC परीक्षा कराने की जिम्मेदारी दी गई है।
-
पैटर्न में धांधली: एक ही पेपर को अलग-अलग शिफ्ट में दोहराना — जिसमें 70-80% सवाल एक जैसे रहे।
-
आधार ऑथेंटिकेशन से परेशानी: कई छात्र फॉर्म ही नहीं भर पाए, और जो भर पाए उन्हें परीक्षा केंद्रों पर समस्या हुई।
-
परीक्षाएं अचानक रद्द: SSC Selection Post Phase-13 समेत कई परीक्षाएं बिना पूर्व सूचना रद्द कर दी गईं, जबकि छात्र दूर-दराज़ से यात्रा कर परीक्षा केंद्रों तक पहुंचे थे।
कांग्रेस और NSUI का समर्थन
इस आंदोलन को राजनीतिक समर्थन भी मिलने लगा है। कांग्रेस पार्टी और NSUI ने खुलकर छात्रों के पक्ष में बयान दिया। NSUI अध्यक्ष वरुण चौधरी खुद धरना स्थल पर पहुंचे। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर सरकार पर हमला करते हुए लिखा, “मोदी सरकार छात्रों का भविष्य बर्बाद करने पर तुली है। जब छात्र अपनी आवाज़ उठाते हैं, तो पुलिस की लाठियों से उनका मुंह बंद किया जा रहा है। लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। हम छात्रों के साथ हैं और उन्हें न्याय दिलाकर रहेंगे।”