सोता रहा ड्राइवर…चलती रही बस…18 की मौत, 23 घायल,
कांवड़ियों से भरी बस गैस सिलेंडर लदे ट्रक से टकराई
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
सावन का पवित्र महीना... कांवर यात्रा का उत्साह... और भोलेनाथ की भक्ति में लीन श्रद्धालु... लेकिन बिहार-झारखंड सीमा पर एक ऐसा खौफनाक मंजर सामने आया, जिसने भक्ति के इस माहौल को मातम में बदल दिया। देवघर के मोहनपुर प्रखंड के जमुनिया चौक के पास मंगलवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे में 18 कांवरियों की जान चली गई, जबकि 23 अन्य श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए।
बासुकीनाथ की ओर जा रही थी बस
घटना उस वक्त हुई जब कांवरियों से भरी एक बस बासुकीनाथ की ओर जा रही थी। सभी श्रद्धालु बाबा बैद्यनाथ धाम में पूजा-अर्चना कर लौट रहे थे। लेकिन जैसे ही बस मोहनपुर के नवापुर क्षेत्र के पास पहुंची, ड्राइवर को अचानक झपकी आ गई। ड्राइवर की नींद ने महज कुछ पलों में सब कुछ बदल कर रख दिया। बेकाबू बस सीधे एक गैस सिलेंडर लदे ट्रक से टकरा गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि बस चालक की मौके पर ही मौत हो गई। मगर हादसा यहीं नहीं रुका ड्राइवर के मरने के बाद भी बस करीब 500 मीटर तक बेकाबू दौड़ती रही और अंत में जमुनिया चौक के पास सड़क किनारे रखी ईंटों से टकरा कर थम गई।
मातम में बदली कांवर यात्रा
बस में सवार सभी श्रद्धालु कांवर यात्रा पूरी कर घर लौट रहे थे। किसी ने नहीं सोचा था कि ये आध्यात्मिक यात्रा इस तरह दर्दनाक अंत लेगी। हादसे में 18 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 23 लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिनमें से कई की हालत नाजुक बनी हुई है।
क्या बोले चश्मदीद ?
स्थानीय निवासी रामानुज यादव, जो हादसे के समय घटनास्थल पर मौजूद थे, ने बताया, "बस में लगभग सभी लोग पूजा करके लौट रहे थे... ड्राइवर को शायद नींद आ गई थी, तभी ये सब हुआ..." उनका यह बयान घटना की भयावहता और अचानकपन को और भी मार्मिक बना देता है।
मौके पर डटा प्रशासनिक अमला
घटना की सूचना मिलते ही मोहनपुर थाना पुलिस हरकत में आई। सीसीआर डीएसपी लक्ष्मण प्रसाद, एसडीओ रवि कुमार और जिला परिषद अध्यक्ष किरण कुमारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। सभी घायलों को देवघर सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों की टीम इलाज में जुटी है।
सावन में त्रासदी बनी घटना
भक्ति और श्रद्धा से भरे इस सावन महीने में जब पूरा देश भोलेनाथ के रंग में रंगा हुआ है, तब देवघर में घटी यह दुर्घटना एक करुण त्रासदी बनकर सामने आई। यह हादसा न सिर्फ 18 परिवारों को उजाड़ गया, बल्कि पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा गया। एक पल की झपकी, एक छोटी सी चूक, और उजड़ गई 18 जिंदगियां... सावन का ये महीना अब इन परिवारों के लिए हमेशा के लिए एक दर्द बनकर रह जाएगा।