जोश से लबरेज हैं हरियाणा की 77 साल की ये दादी अम्मा,
पोते के साथ करती हैं कसरत और तैराकी, जाने क्या है फिटनेस का राज...
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
हरियाणा के सोनीपत जिले के एक गांव से एक ऐसी मिसाल सामने आई है, जिसने "उम्र सिर्फ एक संख्या है" को हकीकत में बदल दिया है। 77 वर्षीय दादी, सबों इन दिनों सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं। तैराकी, व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली के जरिए दादी न केवल अपने गांव बल्कि पूरे देश में युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं।
10 साल की उम्र से शुरू की तैराकी
दादी सबों का तैराकी से रिश्ता कोई नया नहीं है। उन्होंने महज 10 साल की उम्र में गांव के तालाबों और नदियों में तैरना शुरू किया था। सालों-साल उन्होंने न सिर्फ अपनी इस कला को बरकरार रखा, बल्कि उसे निखारा भी। दादी का दावा है कि वह गंगा नदी को भी पार कर चुकी हैं और अब तक तीन लोगों की जान बचा चुकी हैं।
जंक फूड नहीं, देसी घी और मेहनत है सेहत का राज
दादी का कहना है कि उन्होंने कभी फास्ट फूड चखा तक नहीं। उन्हें न तो पिज्ज़ा का स्वाद पता है, न ही बर्गर की पहचान। उनकी थाली में आज भी वही देसी खाना है, देसी घी, ताजा अनाज, और सादा भोजन। उनका मानना है कि आज की बीमारियों की जड़ है बिगड़ी जीवनशैली और जंक फूड। वह युवाओं को सलाह देती हैं कि अगर तंदुरुस्त रहना है, तो देसी तरीके अपनाएं और शुद्ध खाएं।
पोते के साथ करती हैं व्यायाम, घर का खाना भी अलग
दादी सबों अपने पोते चिराग के साथ नियमित रूप से व्यायाम करती हैं। हाल ही में चिराग ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला जिसमें दादी नदी में तैरती हुई नजर आ रही थीं। यह वीडियो वायरल हो गया और लोगों ने दादी के जोश और हौसले को सराहा। बेटे संदीप बताते हैं कि घर में आज भी गेहूं खुद उगाया जाता है और दादी को वही शुद्ध आटा खिलाया जाता है। इतना ही नहीं, दादी और पोते का खाना भी अलग बनता है, ताकि पोता पहलवानी में आगे बढ़े और दादी उसकी तैयारी में अपना सहयोग दे सकें।
गांव वाले भी करते हैं जज्बे को सलाम
गांव में हर कोई दादी की फिटनेस और जज्बे को देखकर हैरान है। लोग दादी को "सुपर दादी" कहते हैं और उनका सम्मान करते हैं। जहां आजकल युवाओं को सुबह उठने में भी दिक्कत होती है, वहीं दादी सबों सवेरे उठकर नदी में तैराकी और देसी व्यायाम करती हैं। यह जज़्बा ही उन्हें खास बनाता है।