नेपाल से भारत लता था हथियार, ISI से जुड़े हैं तार,
स्पेशल सेल ने कुख्यात तस्कर पिस्टल को दबोचा
10 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए कुख्यात हथियार तस्कर सलीम अहमद उर्फ ‘पिस्टल’ को गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया है कि पिस्टल पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर भारत में नकली हथियार बनाने की फैक्ट्री लगाने की साजिश रच रहा था। यह फैक्ट्री पाकिस्तान सीमा के नजदीक स्थापित की जानी थी, जहां तुर्की जिगाना और चीनी स्टार पिस्तौलों की नकली कॉपी तैयार की जाती। इन हथियारों को दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के कुख्यात गैंगस्टरों तक सप्लाई किया जाना था।
मकोका के तहत गिरफ्तारी
स्पेशल सेल ने सलीम अहमद उर्फ पिस्टल पर महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (MCOCA) के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपी को पिछले महीने नेपाल के पोखरा से गिरफ्तार किया गया था। पिस्टल उत्तर भारत के टॉप-3 अवैध हथियार सप्लायरों में से एक माना जाता है और उसके कई बड़े आपराधिक गिरोहों से गहरे संबंध हैं। खुफिया सूत्रों का कहना है कि पिस्टल आईएसआई समर्थित गुर्गों के साथ मिलकर पाकिस्तान सीमा के पास हथियारों की अवैध फैक्ट्री लगाने की पूरी योजना बना चुका था। उसका मकसद देशभर में बड़े पैमाने पर हथियारों की सप्लाई चेन स्थापित करना था।
हथियारों की तस्करी का खतरनाक नेटवर्क
दिल्ली पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि पिछले कई वर्षों से पिस्टल ने पाकिस्तान से हथियारों की तस्करी का नेटवर्क काफी हद तक बढ़ा लिया था। वह देशभर के बड़े-बड़े अपराधियों और गैंगस्टरों को हथियार सप्लाई करता था। जांच में सामने आया है कि उसने सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के एक आरोपी को हथियार दिए थे। उसका नाम बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में भी सामने आया। यही नहीं, वह लॉरेंस बिश्नोई और हाशिम बाबा जैसे खतरनाक गैंगस्टरों को भी हथियार सप्लाई करता था।
ISI और डी-कंपनी से सीधे कनेक्शन
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, पिस्टल के पाकिस्तान की आईएसआई और डी-कंपनी सिंडिकेट के साथ सीधे संबंध थे। उत्तर-पूर्वी दिल्ली निवासी पिस्टल ने अपने अपराध की शुरुआत गाड़ियों की चोरी और सशस्त्र डकैतियों से की थी, लेकिन धीरे-धीरे वह अवैध हथियारों की तस्करी में बड़ा नाम बन गया।
2018 में भी गिरफ्तार हुआ था पिस्टल
यह पहली बार नहीं है जब पिस्टल कानून के शिकंजे में आया हो। 2018 में भी दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। उस समय उसके पास से 26 पिस्तौल, 19 मैगज़ीन और 800 प्रतिबंधित 9 मिमी कारतूस बरामद किए गए थे। ये पिस्तौलें ग्लॉक 17 की नकली कॉपी थीं, जिन पर “मेड इन चाइना” का टैग लगा था। जमानत मिलने के बाद पिस्टल भारत से फरार हो गया था और नेपाल, दुबई व पाकिस्तान के बीच सक्रिय होकर अपने नेटवर्क को मजबूत करने लगा।
ट्रांसफॉर्मर में छिपाकर करता था हथियारों की तस्करी
पुलिस पड़ताल में एक बड़ा खुलासा हुआ है। पिस्टल हथियारों की तस्करी ट्रांसफॉर्मर के जरिए करता था। नेपाल भेजे जाने वाले भारी-भरकम ट्रांसफॉर्मर्स के मोटे मेटल फ्रेम के भीतर हथियारों को बड़ी चालाकी से छिपाया जाता था। एयरपोर्ट स्कैनर इन्हें पकड़ नहीं पाते थे। इतना ही नहीं, एयरपोर्ट के कुछ कर्मचारियों से उसकी गुप्त सेटिंग भी थी, जिससे हथियारों की खेप आसानी से बाहर निकल जाती थी।
पिस्टल की गिरफ्तारी से कई नए खुलासों की उम्मीद
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल अब पिस्टल से आईएसआई कनेक्शन, पाकिस्तान फैक्ट्री प्लान और डी-कंपनी नेटवर्क से जुड़े और भी कई राज़ उगलवाने की कोशिश में है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मामले से कई गैंगस्टर-आईएसआई-डी कंपनी सिंडिकेट की गुत्थियां सुलझ सकती हैं।