अफगानिस्तान में तबाही मचाने वाला भूकंप, 250 की मौत,
दिल्ली NCR तक महसूस हुए झटके
18 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Afghanistan Earthquake: अफगानिस्तान के दक्षिण-पूर्वी इलाके में 31 अगस्त और 1 सितंबर की दरम्यानी रात को आए तेज भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। तालिबान सरकार से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि इस हादसे में अब तक कम से कम 250 लोगों की मौत हो चुकी है और 400 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। भूकंप की तीव्रता 6.0 मापी गई, जिसके झटके न सिर्फ अफगानिस्तान बल्कि पाकिस्तान के इस्लामाबाद और भारत के दिल्ली-एनसीआर तक महसूस किए गए। हादसे के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल है।
राहत-बचाव कार्य में आ रही दिक्कतें
तालिबान सरकार ने मानवीय संगठनों से राहत और बचाव में मदद की अपील की है। कई इलाके ऐसे हैं जहां भूस्खलन और बाढ़ की वजह से सड़क मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है और वहां तक केवल हवाई मार्ग से ही पहुंचा जा सकता है। सरकार ने कहा है कि पहाड़ी और दूरदराज के इलाकों में फंसे लोगों तक जल्द से जल्द मदद पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
भूकंप का केंद्र और दोहरे झटके
संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वे (USGS) ने बताया कि भूकंप का केंद्र जलालाबाद से 27 किलोमीटर पूर्व-उत्तर-पूर्व में 8 किलोमीटर की गहराई पर था। भारतीय समयानुसार यह झटके रात 12 बजकर 47 मिनट पर महसूस किए गए। इसके करीब 20 मिनट बाद एक और झटका आया जिसकी तीव्रता 4.5 थी और यह 10 किलोमीटर की गहराई पर आया। लगातार झटकों ने लोगों में दहशत फैला दी।
क्यों आते हैं इतने भूकंप
अफगानिस्तान का हिंदूकुश पर्वतीय इलाका भूवैज्ञानिक रूप से बेहद सक्रिय है। यह इलाका भारतीय और यूरेशियन टेक्टॉनिक प्लेट्स के जंक्शन पर स्थित है। इसके अलावा एक बड़ी फॉल्ट लाइन सीधे हेरात से होकर गुजरती है। यही वजह है कि यहां बार-बार भूकंप आते रहते हैं। पिछले महीने भी इस इलाके में कई भूकंप दर्ज किए गए थे 2 अगस्त को 5.5 और 6 अगस्त को 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था।
सतही भूकंप ज्यादा खतरनाक
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि सतही (शैलो) भूकंप गहरे भूकंपों की तुलना में ज्यादा खतरनाक होते हैं। इनके झटके सतह तक कम दूरी में पहुंचते हैं, जिससे कंपन बेहद तेज होता है और इमारतों व घरों को अधिक नुकसान होता है। यही कारण है कि इस बार की तबाही इतनी भयावह रही।