क्या होता है ब्लैक बॉक्स? कैसे करता है हवाई हादसे के पीछे छिपे सच को उजागर,
जानिए इसकी तकनीक और ताकत
3 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Black Box: गुजरात के अहमदाबाद में एक भयानक विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है। एयर इंडिया के इस प्लेन क्रैश में 265 से ज्यादा लोगों की जान चली गई, जिनमें 12 क्रू मेंबर्स भी शामिल थे। यह हादसा इतना भीषण था कि विमान पूरी तरह से टूट चुका था। राहत व बचाव कार्य के बीच अब नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) की टीम को विमान का ब्लैक बॉक्स मिल गया है। अब इसके जरिए यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि आखिर इस हादसे की असली वजह क्या थी।
जानिए क्यों हर विमान में होता है ब्लैक बॉक्स ब्लैक बॉक्स दरअसल एक खास उपकरण होता है जिसे हर हवाई जहाज में लगाया जाता है। इसका रंग काला नहीं, बल्कि चमकीला नारंगी होता है ताकि दुर्घटना के बाद उसे आसानी से खोजा जा सके। ब्लैक बॉक्स दो हिस्सों में बंटा होता है। पहला हिस्सा होता है CVR यानी कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर, जो पायलट और सह-पायलट की बातचीत, कॉकपिट में आने वाली चेतावनियों की आवाज और सभी आंतरिक बातचीत को रिकॉर्ड करता है। दूसरा हिस्सा होता है FDR यानी फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर, जिसमें विमान की गति, ऊंचाई, दिशा, इंजन की स्थिति जैसी सभी तकनीकी जानकारियां दर्ज होती हैं।
जांच एजेंसियों की पहली प्राथमिकता होता है ब्लैक बॉक्स जब कोई विमान हादसे का शिकार होता है, तो जांच एजेंसियां सबसे पहले ब्लैक बॉक्स की तलाश करती हैं। इसकी खास बात यह है कि यह बहुत मजबूत बनाया जाता है ताकि हादसे के बाद भी इसमें रिकॉर्ड डेटा सुरक्षित रह सके। इसमें एक सिग्नल भेजने वाला यंत्र भी लगा होता है, जो अगर विमान पानी में गिर जाए तो 30 दिन तक अपनी लोकेशन भेजता रहता है। इससे बचाव दल को ब्लैक बॉक्स खोजने में मदद मिलती है।
ब्लैक बॉक्स से मिलता है हादसे से पहले का पूरा सच ब्लैक बॉक्स से जांचकर्ताओं को यह जानने में मदद मिलती है कि विमान में हादसे से ठीक पहले क्या हुआ। क्या कोई तकनीकी खराबी थी? मौसम खराब था या कोई मानवीय गलती हुई? पायलटों की बातचीत और तकनीकी डेटा की जांच के बाद असली वजह सामने आती है। अब अहमदाबाद हादसे की सच्चाई भी इसी ब्लैक बॉक्स की मदद से सामने आएगी। यह एक ऐसा उपकरण है जो सैकड़ों जिंदगियों के पीछे छिपे सवालों का जवाब देता है।