अहमदाबाद विमान क्रैश, जानिए क्यों सबसे ज्यादा होते हैं ऐसे हादसे ?
डालें भारत के 5 प्रमुख हादसों पर एक नज़र…
5 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
आज दोपहर गुजरात के अहमदाबाद में एक बड़ा विमान हादसा हुआ। एअर इंडिया का बोइंग 737 पैसेंजर प्लेन टेकऑफ के दौरान सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास क्रैश हो गया। हादसे के बाद विमान में भीषण आग लग गई और चारों तरफ धुएं का गुबार छा गया। इस विमान में कुल 242 यात्री सवार थे। वहीं, इस हादसे में अब तक 100 लोगों की मौत की खबर आ रही है। हादसे के बारे में प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि विमान एयरपोर्ट की बाउंड्री वॉल से टकराया और इसके तुरंत बाद उसमें आग लग गई। मौके पर मौजूद लोगों और कर्मचारियों ने बताया कि धमाके के साथ विमान जलने लगा। आग की ऊंची-ऊंची लपटें और काला धुआं आसमान तक दिखाई दिया। वहीं, आखिर ये प्लेन हादसे क्यों होते हैं और उनके प्रमुख कारण क्या हैं, आइए इसकी पड़ताल करते हैं…
टेकऑफ के दौरान क्यों होते हैं ज्यादा विमान हादसे?
जानकार मानते हैं कि हवाई उड़ानों में टेकऑफ और लैंडिंग के समय को सबसे क्रिटिकल फेज माना जाता है। विमान जब ज़मीन से तेज़ गति में ऊपर उठने लगता है, तब हर एक सेकंड पायलट और तकनीकी प्रणाली के लिए चुनौती बन जाती है। आइए जानते हैं, क्यों टेकऑफ के वक्त हादसों की आशंका सबसे अधिक रहती है…
1. इंजन फेल होना
टेकऑफ के समय इंजन अपनी अधिकतम क्षमता पर होता है। यदि इंजन में तकनीकी खराबी हो, पक्षी टकरा जाएं, फ्यूल प्रेशर में गड़बड़ी हो या मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट हो, तो यह सीधे क्रैश का कारण बन सकता है।
2. पायलट की मानवीय भूल
टेकऑफ के दौरान यदि पायलट पिच एंगल, रनवे की दूरी और स्पीड का सही अनुमान न लगा पाए, तो यह एक गंभीर त्रुटि बन सकती है। अंतरराष्ट्रीय एविएशन रिपोर्ट्स के अनुसार, टेकऑफ और लैंडिंग के समय अधिकतर हादसे पायलट की गलती से होते हैं।
3. खराब मौसम का प्रभाव
टेकऑफ के दौरान थंडरस्टॉर्म, तेज़ हवा, माइक्रोबर्स्ट या कम विजिबिलिटी जैसी मौसम स्थितियां हादसे की संभावना को बढ़ा देती हैं। ऐसे मौसम में विमान का कंट्रोल अस्थिर हो सकता है, जिससे दुर्घटना हो सकती है।
4. तकनीकी खराबी
टेकऑफ के समय किसी भी सिस्टम जैसे हाइड्रोलिक्स, ऑटोथ्रॉटल, लैंडिंग गियर, एयरस्पीड इंडिकेटर आदि में खराबी प्लेन क्रैश का कारण बन सकती है। यह वक्त इतना सीमित होता है कि पायलट को प्रतिक्रिया देने का समय भी नहीं मिल पाता।
क्या कहती हैं रिपोर्ट्स?
अंतरराष्ट्रीय विमानन एजेंसियों के आंकड़ों के अनुसार, दुनियाभर में लगभग 35% प्लेन हादसे टेकऑफ या टेकऑफ के तुरंत बाद होते हैं। यानी उड़ान का यह समय किसी भी उड़ान का सबसे जोखिम भरा हिस्सा होता है।
भारत के 5 प्रमुख विमान हादसे…
भारत के विमानन इतिहास में कई हादसे ऐसे हुए हैं, जिन्होंने न सिर्फ सैकड़ों परिवारों को तबाह किया बल्कि पूरे देश को सदमे में डाल दिया। इन हादसों में कहीं तकनीकी गड़बड़ी जिम्मेदार रही तो कहीं मानवीय चूक। लेकिन इन सभी घटनाओं में एक बात समान रही, वो था मौत का खौफ और सिस्टम की लापरवाही, जिसने उन लोगों की जान ले ली जिन्हें शायद बचाया जा सकता था। आइए अब आपको भारत के प्रमुख 5 विमान हादसों के बारे में बताते हैं…
1 - चरखी दादरी विमान हादसा: सबसे बड़ा और भयावह हादसा 12 नवम्बर 1996 को हुआ, जिसे चरखी दादरी विमान हादसे के नाम से जाना जाता है। हरियाणा के चरखी दादरी के पास उस दिन आसमान में दो प्लेन आपस में टकरा गए। एक विमान सऊदी अरब एयरलाइंस का था, जबकि दूसरा कजाकिस्तान एयरलाइंस का। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों प्लेन हवा में ही बिखर गए और उनमें सवार सभी 349 लोग मारे गए। हादसे का कारण था—पायलट और एयर ट्रैफिक कंट्रोल के बीच हुई गलतफहमी और ऊंचाई की जानकारी सही से न समझ पाना। यह हादसा न सिर्फ भारत, बल्कि दुनिया के सबसे घातक मिड-एयर कोलिजन में शामिल हो गया।
2 - मुंबई प्लेन हादसा: इसी तरह 1 जनवरी 1978 को भी एक भीषण विमान हादसा हुआ था, जब मुंबई से उड़ान भरते ही बोइंग 747 अरब सागर में जा गिरा। विमान दुबई के लिए रवाना हुआ था लेकिन उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद ही दिशा भ्रम और तकनीकी खराबी की वजह से कंट्रोल खो बैठा। समुद्र में गिरने से पहले कोई प्रभावी इमरजेंसी कॉल भी नहीं हो सका और इस हादसे में 213 लोगों की जान चली गई। यह उस समय का ऐसा हादसा था जिसने एयर इंडिया की सुरक्षा प्रक्रियाओं पर सवाल खड़े कर दिए थे।
3 - मंगलौर प्लेन हादसा: 22 मई 2010 को फिर से एक बड़ा हादसा सामने आया, जब एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट 812 दुबई से मंगलौर पहुंची। मौसम साफ था, सब कुछ सामान्य लग रहा था, लेकिन रनवे की लंबाई कम थी और उसका स्थान भी ऊंचाई पर था। पायलट ने लैंडिंग में देर कर दी और विमान रनवे पार कर गया। इसके बाद प्लेन खाई में गिरा और दो टुकड़ों में टूट गया। विमान में सवार 166 लोगों में से 158 की मौत हो गई। जांच में पता चला कि पायलट बेहद थके हुए थे और उस स्थिति में सही निर्णय नहीं ले पाए। यह हादसा दिखाता है कि थकान जैसी छोटी दिखने वाली स्थिति कितनी भयंकर साबित हो सकती है।
4 - औरंगाबाद प्लेन हादसा: 26 अप्रैल 1993 को औरंगाबाद एयरपोर्ट पर एक और हादसा हुआ जिसने सबको झकझोर दिया। दरअसल इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 491 मुंबई के लिए उड़ान भर रही थी, तभी रनवे पर एक ट्रक आ गया जो वहां नहीं होना चाहिए था। पायलट को ट्रक समय पर दिखाई नहीं दिया और विमान उससे टकरा गया। टक्कर के बाद विमान में आग लग गई और वह रनवे पर ही टूटकर बिखर गया। इस हादसे में 55 लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह एक ऐसा हादसा था जो बुनियादी ग्राउंड सेफ्टी के अभाव का परिणाम था।
5 - कोझिकोड प्लेन हादसा: 7 अगस्त 2020 को केरल के कोझिकोड में भी एक दर्दनाक हादसा हुआ। जहां कोरोना काल के दौरान वंदे भारत मिशन के तहत दुबई से भारतीयों को ला रहा एअर इंडिया एक्सप्रेस का विमान रनवे पर लैंडिंग करते वक्त फिसल गया। भारी बारिश और गीले रनवे की वजह से प्लेन अपना संतुलन खो बैठा और आगे बढ़ता चला गया। अंत में विमान दो हिस्सों में टूट गया। इस हादसे में 21 लोगों की मौत हुई और 110 से अधिक यात्री घायल हो गए। हादसे के बाद पायलट की बहादुरी की भी सराहना की गई क्योंकि उन्होंने आखिरी क्षण तक यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की कोशिश की थी।