अनमोल बिश्नोई की सुरक्षा पर बढ़ी चिंता:
कोर्ट ने NIA हेडक्वार्टर को बनाया अस्थायी अदालत
1 months ago Written By: Aniket prajapati
पटियाला हाउस कोर्ट ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई की सुरक्षा को देखते हुए एक अभूतपूर्व फैसला लिया है। अदालत ने अनमोल की सात दिन की NIA रिमांड तो बढ़ाई ही, साथ ही अगली पूरी सुनवाई NIA हेडक्वार्टर के अंदर कराने का आदेश दिया। यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिले हैं कि अनमोल की जान को गंभीर खतरा हो सकता है। वकील और NIA दोनों ने अदालत को बताया कि विरोधी गैंग्स की दुश्मनी को देखते हुए पेशी के समय हमला होने की आशंका ज्यादा है। इसी कारण कोर्ट ने किसी भी जोखिम से बचने के लिए अस्थायी अदालत NIA दफ्तर को बनाया है।
अनमोल की रिमांड बढ़ी, सुनवाई NIA दफ्तर में क्यों हुई? सुनवाई के दौरान अनमोल बिश्नोई के वकील ने कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किल को जान का खतरा है। इसके बाद NIA ने भी रिपोर्ट पेश कर कहा कि सुरक्षा इनपुट्स मिले हैं, जो खतरे को बढ़ाते हैं। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद विशेष जज ने फैसला लिया कि अगली सुनवाई NIA मुख्यालय में ही होगी, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना रोकी जा सके।
हाई-प्रोफाइल मामलों में आरोपी है अनमोल बिश्नोई अनमोल बिश्नोई पर कई बड़े मामलों में आरोप हैं। एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश सलमान खान के घर फायरिंग मामले में मुख्य आरोपी अमेरिका से भारत लाए जाने के बाद कोर्ट ने NIA को कस्टडी देते समय कई कड़े सुरक्षा नियम तय किए थे। इनमें हर 48 घंटे में मेडिकल जांच, पेशी के दौरान पूरे मार्ग की वीडियो रिकॉर्डिंग और रास्ते की जानकारी कोर्ट से साझा करना शामिल है।
विरोधी गैंगों से पुरानी दुश्मनी, बढ़ा बड़ा खतरा लॉरेंस बिश्नोई गैंग की बम्बिहा गैंग सहित कई गैंग्स से पुरानी दुश्मनी है। एजेंसियों को आशंका है कि पेशी के दौरान हमला हो सकता है। इससे कानून-व्यवस्था को भारी नुकसान हो सकता है। इसी वजह से कोर्ट और NIA ने कड़ा कदम उठाया और अदालत की कार्यवाही को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया।
देश के सबसे हाई-रिस्क कैदियों में शामिल हुआ अनमोल इन परिस्थितियों ने अनमोल बिश्नोई को देश के सबसे संवेदनशील कैदियों की सूची में ला खड़ा किया है। उसकी सुरक्षा पर बढ़ती चिंता बताती है कि एजेंसियों ने इतनी सख्ती क्यों अपनाई और NIA दफ्तर को अदालत में बदलना क्यों जरूरी हो गया।