शहीद इंस्पेक्टर की अंतिम यात्रा में टूटा पुलिस महकमा,
SP ने जवानों से लिपटकर कहा– मेरा शेर चला गया
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
MP News: मध्य प्रदेश का बालाघाट जिला पिछले 35 वर्षों से नक्सलवाद की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। यहां लाल आतंक का ऐसा साया रहा है, जिसे हटाने के लिए सुरक्षा बल लगातार जान जोखिम में डालकर ऑपरेशन चला रहे हैं। केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने की डेडलाइन तय की है, जिसके चलते एंटी-नक्सल ऑपरेशनों में और तेजी आ गई है। इसी अभियान के दौरान बालाघाट में सुरक्षा बलों को नक्सलियों की मौजूदगी की पुख्ता जानकारी मिली। इसके बाद मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के जवानों का संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया गया। इसी सर्चिंग ऑपरेशन में हॉक फोर्स के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा ने साहसिक नेतृत्व किया, लेकिन नक्सल हमले में वे वीरगति को प्राप्त हो गए।
कैसे हुआ हमला और कैसे शहीद हुए इंस्पेक्टर आशीष शर्मा एमपी के बालाघाट जिले में तीन पुलिस टीमों को सर्चिंग पर भेजा गया था। इनमें से एक टीम का नेतृत्व हॉक फोर्स के बहादुर इंस्पेक्टर आशीष शर्मा कर रहे थे। सर्च ऑपरेशन के दौरान अचानक नक्सलियों ने हमला कर दिया। इस हमले में आशीष शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गए और मौके पर ही शहीद हो गए। उनके शहीद होने की खबर जैसे ही जिला मुख्यालय पहुंची, पूरा पुलिस महकमा और शहर दुख में डूब गया।
शहर में उमड़ा जनसैलाब, श्रद्धांजलि यात्रा में छलके आंसू जब आशीष शर्मा का पार्थिव शरीर श्रद्धांजलि यात्रा के लिए जिला मुख्यालय लाया गया, तो माहौल बेहद भावुक हो गया। गुरुवार सुबह साढ़े 6 बजे से ही पुलिस, पत्रकार और आम जनता बड़ी संख्या में अंबेडकर चौक पर जुटने लगी। करीब 7 बजे श्रद्धांजलि यात्रा शुरू हुई, जो पुलिस लाइन स्थित शहीद स्मारक तक पहुंची। यात्रा के दौरान कई जवानों और वरिष्ठ अधिकारियों की आंखें भर आईं। जो पुलिस हमेशा सख्त मानी जाती है, वह भी इस दिन टूटकर रो पड़ी। एसपी तक अपने आप को रोक नहीं पाए और साथी जवानों के कंधे पर सिर रखकर रोते रहे।
शहीद स्मारक पर दिया अंतिम सम्मान, एसपी ने दिया कंधा शहीद स्मारक पहुंचने पर लोगों ने फूल बरसाए और ‘भारत माता की जय’ तथा ‘वीर सपूत अमर रहे’ के नारे लगाए। पार्थिव शरीर को शहीद स्मारक पर रखा गया, जहां वरिष्ठ अधिकारियों और आम जनता ने श्रद्धांजलि दी। इसके बाद शहीद आशीष शर्मा को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। श्रद्धांजलि सभा के बाद एसपी आदित्य ने स्वयं पार्थिव शरीर को कंधा दिया। तिरंगे में लिपटे आशीष शर्मा का पार्थिव शरीर करीब साढ़े नौ बजे उनके पैतृक गांव नरसिंहपुर के बोहानी के लिए रवाना किया गया, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।