19 घंटे का दूरी अब सिर्फ 2 घंटे में, बुलेट ट्रेन बदलेगी सफर का अंदाज,
जानें क्या है ख़ास
5 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Bengaluru-Hyderabad Bullet Train: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद तक की ट्रेन यात्रा अभी करीब 19 घंटे की होती है। लेकिन आने वाले सालों में यही दूरी महज 2 घंटे में तय हो सकती है। यह संभव होगा बेंगलुरु-हैदराबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के बनने से। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन की तर्ज पर बनने वाले इस प्रोजेक्ट की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) मार्च 2026 तक तैयार होकर रेलवे बोर्ड और फिर केंद्र सरकार को भेज दी जाएगी। इसके बाद कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स से मंजूरी ली जाएगी।
320 की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन इस हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर की लंबाई 626 किलोमीटर होगी और पूरा रास्ता एलीवेटेड होगा। ट्रेन 350 किलोमीटर प्रति घंटा की डिजाइन स्पीड और 320 किलोमीटर प्रति घंटा की ऑपरेटिंग स्पीड से चलेगी। आज जहां बेंगलुरु से हैदराबाद का सफर दिन-रात मिलाकर 19 घंटे लेता है, वहीं इस प्रोजेक्ट के बाद यह दूरी सिर्फ दो घंटे में पूरी हो जाएगी। कारोबारियों, छात्रों, नौकरीपेशा लोगों और आम यात्रियों का समय और पैसा दोनों की बचत होगी।
भूमि अधिग्रहण बनी सबसे बड़ी चुनौती राइट्स लिमिटेड इस कॉरिडोर का सर्वे और एलाइनमेंट का काम कर रही है। लेकिन भूमि अधिग्रहण इस प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी चुनौती है। साउथ सेंट्रल रेलवे (एससीआर) के चीफ पीआरओ ए श्रीधर ने कहा कि इसके लिए राज्य सरकारों का सहयोग जरूरी होगा। सर्वेयर लगातार संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों से बातचीत कर रहे हैं। कर्नाटक में भी कई बैठकें हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी खास जगह पर भूमि अधिग्रहण संभव नहीं होगा तो एलाइनमेंट बदला जाएगा।
राज्यों की पहल और प्रोजेक्ट की अहमिय तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने इस काम को तेजी से आगे बढ़ाने की सिफारिश की है। उन्होंने हैदराबाद-चेन्नई और हैदराबाद-बेंगलुरु दोनों प्रोजेक्ट्स के सर्वे को जल्द पूरा करने की मांग की। वहीं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी संकेत दिए हैं कि दक्षिण भारत के बड़े शहरों को जोड़ने वाली तेज रफ्तार ट्रेन की तैयारियां चल रही हैं। अगर सब कुछ तय योजना के मुताबिक हुआ तो बेंगलुरु-हैदराबाद के बीच का सफर आने वाले सालों में उतना ही आसान हो जाएगा जितना दिल्ली से जयपुर या मुंबई से पुणे का है। यह ट्रेन न केवल तेज सफर का साधन होगी बल्कि दक्षिण भारत की अर्थव्यवस्था और लोगों के आपसी जुड़ाव को भी नई दिशा देगी।