"ADMM-प्लस बैठक भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति का अभिन्न अंग",
राजनाथ सिंह ने ASEAN के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने पर दिया जोर
1 months ago Written By: ANIKET PRAJAPATI
मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में चल रही 12वीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक प्लस (ADMM-प्लस) में भारत ने क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को मजबूत करने पर विशेष बल दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ADMM-प्लस की स्थापना से ही एक सक्रिय और रचनात्मक भागीदार के रूप में जुड़ा हुआ है। उन्होंने इसे भारत की 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' और व्यापक इंडो-पैसिफिक विजन का अहम हिस्सा बताया। राजनाथ सिंह ने कहा, “भारत का आसियान के साथ जुड़ाव ADMM-प्लस से पहले का है, लेकिन इस मंच ने हमारे कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों को रक्षा सहयोग के माध्यम से मजबूत करने का अवसर दिया है।”
ADMM-प्लस में भारत की भागीदारी और रणनीति
राजनाथ सिंह ने बताया कि 2022 में आसियान-भारत साझेदारी को व्यापक रणनीतिक स्तर पर ले जाने से न केवल राजनीतिक संबंधों में परिपक्वता आई, बल्कि क्षेत्रीय प्राथमिकताओं में सामंजस्य भी बढ़ा। उन्होंने ADMM-प्लस को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति का ‘कोना’ बताया और इसे भारत की महासागर विजन का प्रतीक कहा। इस सम्मेलन में आसियान के 10 सदस्य देशों के अलावा भारत सहित आठ अन्य साझेदार देश भाग ले रहे हैं। बैठक में साइबर सुरक्षा, मानवीय सहायता और आपदा प्रबंधन जैसी उभरती चुनौतियों पर विशेष चर्चा हुई।
द्विपक्षीय वार्ताओं से बढ़ा सहयोग
राजनाथ सिंह ने सम्मेलन के दौरान कई देशों के रक्षामंत्रियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की। न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और वियतनाम के रक्षा मंत्रियों के साथ उन्होंने रणनीतिक सहयोग पर चर्चा की। खासतौर पर वियतनाम के रक्षा मंत्री फान वान गियांग के साथ बातचीत में दोनों पक्षों ने दक्षिण चीन सागर में नेविगेशन की स्वतंत्रता पर सहमति जताई। वहीं, दक्षिण कोरिया के साथ उन्नत तकनीक और संयुक्त सैन्य अभ्यास पर जोर दिया गया साथ ही, राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेग्सेथ से भी मुलाकात की। इस दौरान संयुक्त उत्पादन, उभरती तकनीक और रक्षा सहयोग पर नया समझौता किया गया, जिसे भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी में नई ऊंचाई माना जा रहा है। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत का दृष्टिकोण लेन-देन आधारित नहीं, बल्कि विश्वास और समावेशिता पर आधारित है।
इंडो-पैसिफिक सहयोग का प्रमुख मंच
2010 में शुरू हुआ ADMM-प्लस अब इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग का प्रमुख मंच बन चुका है। विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत की भागीदारी ने न केवल रक्षा सहयोग बढ़ाया है, बल्कि आर्थिक और कूटनीतिक रिश्तों को भी मजबूत किया है। खासकर चीन की आक्रामकता और क्षेत्रीय तनाव के बीच यह मंच स्थिरता और सहयोग का केंद्र बन गया है। बैठक शनिवार को समाप्त होने वाली है, जहां संयुक्त बयान जारी होने की उम्मीद जताई जा रही है।