बिहार में सरकारी सिस्टम का कमाल, डॉग बाबू को मिला निवास प्रमाण पत्र, पिता बने कुत्ता बाबू,
अंचल कार्यालय ने जारी किया दस्तावेज़
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Bihar RTPS Blunder: बिहार में इस समय SIR को लेकर सरकार की तरफ से अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत लोग अपने जरूरी दस्तावेज़ों को सही कराने में जुटे हैं। इसी बीच पटना जिले के मसौढ़ी से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर लोग पहले हंसी में पड़ जाते हैं और फिर सिस्टम की लापरवाही पर हैरान हो जाते हैं। दरअसल, RTPS पोर्टल से एक कुत्ते के नाम पर बाकायदा आवासीय प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया, जिसमें नाम, पिता और मां तक का विवरण मजाकिया लेकिन सरकारी मोहर के साथ दर्ज है।
डॉग बाबू को मिला सरकारी प्रमाण-पत्र
मसौढ़ी अंचल कार्यालय से जारी इस प्रमाण-पत्र में नाम लिखा गया है डॉग बाबू, पिता का नाम कुत्ता बाबू और मां का नाम कुतिया बाबू। पता काउलीचक, वार्ड नंबर 15, नगर परिषद मसौढ़ी बताया गया है। यही नहीं, प्रमाण पत्र पर फोटो की जगह पर एक असली कुत्ते की तस्वीर चस्पा है। हैरानी की बात ये है कि इस मज़ाकिया लगने वाले प्रमाण पत्र पर राजस्व पदाधिकारी मुरारी चौहान की डिजिटल सिग्नेचर भी मौजूद है, जो साबित करता है कि यह दस्तावेज किसी फोटोशॉप से नहीं, बल्कि RTPS के सिस्टम से पूरी तरह आधिकारिक रूप से जनरेट हुआ है।
डोंगल की सुरक्षा पर बड़ा सवाल
सूत्रों के मुताबिक, RTPS पोर्टल से कोई भी प्रमाण पत्र तब तक जारी नहीं हो सकता जब तक संबंधित अधिकारी के डिजिटल डोंगल से सिग्नेचर न हो। अब सवाल उठता है कि जब ये मज़ाक अधिकारी की जानकारी के बिना हुआ, तो उनके डोंगल का इस्तेमाल किसने किया क्या कोई कर्मचारी ऑफिस में बैठे-बैठे मज़े ले रहा था या RTPS सिस्टम ही ऑटो मोड में मज़ाक कर बैठा।
दिल्ली की महिला से जुड़ा दस्तावेज़
जब इस प्रमाण पत्र के क्रमांक को RTPS पोर्टल पर चेक किया गया, तो एक और चौंकाने वाली बात सामने आई। यह प्रमाण पत्र दरअसल दिल्ली की एक महिला के नाम से जुड़ा है, जिनके आधार और पति के दस्तावेज भी जुड़े हुए हैं। यानि किसी ने जानबूझकर सिस्टम के साथ छेड़छाड़ कर दी, जिससे सारा डाटा गड़बड़ हो गया।
अधिकारियों ने जताई गंभीरता
मसौढ़ी के अंचलाधिकारी प्रभात रंजन ने इस पूरे मामले को गंभीर बताया और कहा कि यह कोई मज़ाक नहीं, बल्कि साफ तौर पर कदाचार है। उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है कि राजस्व पदाधिकारी के डोंगल से इस तरह का सर्टिफिकेट कैसे जारी हुआ। उन्होंने साफ किया कि जो भी कर्मचारी या ऑपरेटर इसमें शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ एफआईआर की जाएगी।
सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं
यह मामला सामने आते ही सोशल मीडिया पर मीम्स और मजेदार प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। कुछ लोगों ने लिखा, अगर डॉग बाबू को प्रमाण पत्र मिल सकता है, तो कल बिल्ली दीदी को राशन कार्ड और गाय माता को ड्राइविंग लाइसेंस भी मिल जाएगा। एक यूज़र ने तो लिखा कि RTPS को सिस्टम चेक की नहीं, एंटी वायरस की ज़रूरत है। गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब RTPS पोर्टल से इस तरह की गलती सामने आई है। इससे पहले मुंगेर में एक ट्रैक्टर के नाम पर निवास प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है।