NDA में 38 सीटों पर चिराग-मांझी-कुशवाहा को हिस्सेदारी,
उधर महागठबंधन में सीट बंटवारे पर महाभारत
4 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Bihar Chunav: बिहार में विधानसभा चुनावों का ऐलान भले ही अभी न हुआ हो, लेकिन सियासी सरगर्मी अपने चरम पर है। टिकट बंटवारे को लेकर एनडीए और महागठबंधन दोनों ही खेमों में माथापच्ची तेज हो गई है। महागठबंधन में सीटों को लेकर खींचतान इस कदर बढ़ गई है कि इसे महाभारत जैसी स्थिति बताया जा रहा है। वहीं एनडीए ने फार्मूला लगभग तय कर लिया है, लेकिन वहां भी सहयोगियों की नाराजगी सामने आ रही है। तेजस्वी यादव का यह ऐलान कि आरजेडी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, गठबंधन के भीतर दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
महागठबंधन में सीटों पर रस्साकशी महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों के बीच सहमति बन पाना मुश्किल हो रहा है। आरजेडी प्रमुख तेजस्वी यादव ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का बयान देकर सहयोगियों पर दबाव बनाया है। कांग्रेस अधिक सीटों की मांग कर रही है और अभी तक तेजस्वी को सीएम फेस घोषित करने पर चुप्पी साधे हुए है। 2020 में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा और सिर्फ 19 जीती थीं, फिर भी इस बार सीमांचल और मुस्लिम-बहुल सीटों पर दावेदारी बढ़ा रही है। दूसरी ओर सीपीआई (एमएल) 40 सीटें चाहती है, जबकि सीपीआई और सीपीएम ने 10-10 सीटों की मांग रखी है। आरजेडी और कांग्रेस इन मांगों से सहमत नहीं हैं।
वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी बने सिरदर्द विकासशील इंसान पार्टी (VIP) प्रमुख मुकेश सहनी की मांगों ने महागठबंधन की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। सहनी ने पहले 60 सीटें मांगीं और अब 40 पर अड़े हुए हैं। वे डेप्युटी सीएम पद भी चाहते हैं। आरजेडी ने साफ किया है कि ऐसा कोई वादा नहीं किया गया। सहनी की भाजपा नेताओं से बढ़ती नजदीकियों ने भी अटकलों को हवा दी, हालांकि राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान उन्हें मंच पर बराबरी की जगह मिलने से सहनी की उम्मीदें फिर जगीं।
एनडीए में भी असंतोष एनडीए ने भी सीट बंटवारे का फार्मूला तैयार कर लिया है। भाजपा और जेडीयू मिलकर 205 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, जबकि सहयोगियों के लिए सिर्फ 38 सीटें बचेंगी। इसमें एलजेपी-रामविलास को 18-20, उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम और जीतन राम मांझी की हम (HAM) को 9-9 या 10-10 सीटें दी जानी हैं। लेकिन मांझी 20 सीटों पर अड़े हुए हैं और कुशवाहा भी दबाव बना रहे हैं। हालांकि, लोकसभा चुनाव में एनडीए ने सीटों का बंटवारा सहजता से कर लिया था, इसलिए उम्मीद है कि यहां भी समझौता हो जाएगा।