CBI का बड़ा खुलासा: 1100 फर्जी सिम बेचने वाले 39 डीलर बेनकाब,
साउथ एशिया तक फैला था साइबर फ्रॉड का खेल
1 months ago
Written By: NEWS DESK
CBI Fake SIM Crackdown: फर्जी नाम-पते के आधार पर जारी सिम कार्ड के जरिये होने वाले साइबर फ्रॉड में लिप्त 39 मोबाइल सिम कार्ड डीलरों (प्वाइंट ऑफ सेल) में से नौ उत्तर प्रदेश के हैं। जिसमें लखनऊ, आगरा, हाथरस, हरदोई, कन्नौज और उन्नाव के डीलर शामिल हैं। गौरतलब हो कि सीबीआई ने इनके ठिकानों पर बीते दिनों छापा मारा था। फर्जीवाड़े में कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम, महाराष्ट्र और बिहार के तमाम सिम कार्ड डीलर भी शामिल पाए गए हैं। इन फर्जी सिम कार्ड के जरिये डिजिटल अरेस्ट, जासूसी, फर्जी विज्ञापन, निवेश संबंधी फ्रॉड, यूपीआई फ्रॉड आदि साइबर क्राइम अंजाम दिया जा रहा था।
यह हैं यूपी के डीलर
राजधानी लखनऊ के जानकीपुरम स्थित अदिति मोबाइल रिपेयरिंग एंड एक्सेसरीज के मनोज कुमार वर्मा, हरदोई के अंकित टेलीकॉम के अंकित कुमार, उन्नाव के अमित टेलीकॉम के आशीष, आगरा के दीपक कम्युनिकेशन के दीपक माहौर व बंशीधर, हाथरस के राजीव सागर, मुकेश कुमार, न्यू सुजाता मोबाइल के धारा सिंह और कन्नौज के तिवारी किराना स्टोर के सत्यम तिवारी शामिल है।
फर्जी नाम, पते से बेचे गए 1100 सिम कार्ड
सीबीआई जांच में सामने आया है कि इन सभी 39 डीलरों ने करीब 1100 सिम कार्ड फर्जी नाम पते पर बेचे थे, जो दक्षिण एशिया के देशों में साइबर फ्रॉड के लिए इस्तेमाल हो रहे थे। इनके जरिये बैंकों में फर्जी नाम से खाते खोलने के साथ मासूम लोगों को फोन करके धोखाधड़ी की जा रही थी। गौरतलब हो कि साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर करीब ढाई हजार शिकायतें मिलने पर इसकी पड़ताल शुरू की गई थी। पता चला कि डीलरों द्वारा सिम खरीदने वाले ग्राहक का केवाईसी कराने के दौरान उसका इस्तेमाल दूसरे सिम की बिक्री में भी कर रहे थे। पहली बार केवाईसी को फेल बताकर वे दूसरी बार यह प्रक्रिया करते थे, जिसमें उसी नाम पते पर दूसरा सिम (गोस्ट सिम) एक्टिवेट कर दिया जाता था। गृह मंत्रालय के निर्देश पर बीते वर्ष देश भर में ऐसे करीब 64 हजार सिम बेचने वाले 1930 डीलरों पर कार्रवाई शुरू हुई थी। तमाम राज्यों में फर्जी सिम बेचने वालों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।