सहस्रधारा की सुंदरता पर बादल फटा, हजारों धाराओं वाला झरना बना आफत,
जानें क्यों पीने लायक नहीं पानी
3 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Dehradun Cloudburst : देहरादून का मशहूर पर्यटन स्थल सहस्रधारा इस समय एक बड़े संकट का सामना कर रहा है। पहाड़ों की खूबसूरती और झरनों के लिए प्रसिद्ध यह जगह अचानक बादल फटने की घटना का शिकार हो गई। इसके चलते यहां के कई घर और मकान मलबे में दब गए हैं। पानी के तेज बहाव से सहस्रधारा के आसपास का इलाका बुरी तरह प्रभावित हुआ है। खबरों के मुताबिक, इस हादसे में दो लोग लापता बताए जा रहे हैं। जो इलाका पर्यटकों से हमेशा गुलजार रहता था, वहां अब मलबा और तबाही का मंजर है।
क्या है सहस्रधारा और क्यों है मशहूर सहस्रधारा का मतलब होता है “हजार धाराओं वाला झरना”। यह देहरादून जिले में स्थित एक प्राकृतिक पर्यटन स्थल है, जो राजधानी से करीब 11 से 15 किलोमीटर की दूरी पर बाल्डी नदी के किनारे बसा है। यह जगह सल्फर युक्त गर्म जल धाराओं, खूबसूरत झरनों, चूना पत्थर की गुफाओं और औषधीय गुणों के लिए जानी जाती है। यहां का पानी भूरा-नारंगी रंग का दिखता है और माना जाता है कि इसमें त्वचा रोग, जोड़ों के दर्द और पेट की बीमारियों को ठीक करने की क्षमता है।
धार्मिक मान्यता और ऐतिहासिक महत्व स्थानीय लोककथाओं और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सहस्रधारा प्राचीन काल से आध्यात्मिक साधकों और तीर्थयात्रियों का केंद्र रहा है। यहां भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर भी स्थित है, जो चट्टान पर बने झरनों के ऊपर है। मंदिर में जलमग्न शिवलिंग मौजूद है, जिसे स्थानीय लोग शक्ति और आस्था का प्रतीक मानते हैं। कहा जाता है कि यहां स्नान करने से पापों का नाश होता है।
क्या सहस्रधारा एक नदी है बहुत से लोग सहस्रधारा को नदी मानते हैं, लेकिन यह सच नहीं है। वास्तव में सहस्रधारा बाल्डी नदी के किनारे स्थित झरनों और सल्फर युक्त गर्म जल धाराओं का समूह है। यह कोई नदी नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक झरना और गुफा क्षेत्र है।
क्या पीने योग्य है सहस्रधारा का पानी सहस्रधारा का पानी सल्फर की अधिक मात्रा के कारण पीने योग्य नहीं है। डॉक्टर भी इस पानी को पीने से मना करते हैं, हालांकि यह त्वचा संबंधी बीमारियों में लाभकारी माना जाता है। यहां आने वाले पर्यटक झरनों में स्नान करते हैं और इसे प्राकृतिक उपचार का एक साधन मानते हैं।