दिल्ली वालों ध्यान दें… 1 नवंबर से Non-BS VI गाड़ियों की एंट्री पर रोक,
जानिए कौन से वाहन चल सकेंगे कौन से नहीं
2 months ago Written By: Ashwani Tiwari
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब 1 नवंबर से दिल्ली के बाहर रजिस्टर किए गए ऐसे सभी वाणिज्यिक मालवाहक वाहन (Commercial Goods Vehicle) जो BS-VI उत्सर्जन मानकों का पालन नहीं करते, उन्हें राजधानी में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। यह आदेश वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के निर्देश पर दिल्ली परिवहन विभाग ने जारी किया है। सरकार का कहना है कि यह कदम प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है, खासकर तब जब सर्दियों में दिल्ली की हवा सबसे ज्यादा जहरीली हो जाती है।
हर साल बढ़ता है दिल्ली का प्रदूषण स्तर अक्टूबर से जनवरी के बीच दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार गिरती जाती है। इसकी मुख्य वजह वाहनों से निकलने वाला धुआं, पराली जलाना और मौसम की खराब स्थिति होती है। ठंडी हवाओं के चलते प्रदूषण फैलाने वाले कण पदार्थ और नाइट्रोजन ऑक्साइड हवा में ज्यादा देर तक बने रहते हैं, जिससे सांस लेने में दिक्कत और धुंध का स्तर बढ़ जाता है। ऐसे में सरकार हर साल उन वाहनों पर रोक लगाती है जो ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं।
केवल BS-VI मानक वाले वाहन ही पाएंगे एंट्री दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा जारी पब्लिक नोटिस में कहा गया है कि अगले महीने से सिर्फ BS-VI उत्सर्जन मानकों को पूरा करने वाले वाणिज्यिक मालवाहक वाहन ही दिल्ली में एंट्री कर सकेंगे। ये वाहन कम प्रदूषण फैलाते हैं और पर्यावरण के लिए ज्यादा सुरक्षित माने जाते हैं। विभाग का मानना है कि इससे दिल्ली की हवा में सुधार लाने में मदद मिलेगी और प्रदूषण के स्तर में कमी आएगी।
BS-IV वाहनों को मिली अस्थायी छूट
नोटिस में यह भी स्पष्ट किया गया है कि दिल्ली के बाहर पंजीकृत BS-IV मानक वाले वाणिज्यिक वाहन को अस्थायी राहत दी गई है। ऐसे वाहनों को 31 अक्टूबर 2026 तक सीमित समय के लिए प्रवेश की अनुमति रहेगी। इसके बाद केवल BS-VI कम्पलायंट वाहन ही दिल्ली में आ सकेंगे।
इन वाहनों को मिलेगी छूट सरकार ने कुछ वाहनों को इस प्रतिबंध से बाहर रखा है। इनमें दिल्ली में रजिस्टर्ड वाणिज्यिक मालवाहक वाहन, BS-VI कम्पलायंट डीजल वाहन, BS-IV डीजल वाहन (31 अक्टूबर 2026 तक), CNG, LNG और इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं। सरकार का मानना है कि इस निर्णय से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार होगा और प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने में बड़ी मदद मिलेगी।