दिल्ली में पहली बार Artificial Rain की तैयारी पूरी, बस विजिबिलिटी का है इंतजार…
जानिए पूरा प्लान
2 months ago Written By: Ashwani Tiwari
दिवाली के बाद से देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है। हवा इतनी खराब हो चुकी है कि आम लोगों को सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी गंभीर स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने 29 अक्टूबर को एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) यानी कृत्रिम बारिश कराने की मंजूरी दी है। अगर मौसम साफ रहा और विजिबिलिटी (दृश्यता) बेहतर हुई तो आज ही यह प्रयोग किया जा सकता है।
मौसम सुधरते ही उड़ान भरेगा विमान दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने जानकारी दी कि अभी विजिबिलिटी करीब 2000 मीटर है, जबकि क्लाउड सीडिंग के लिए 5000 मीटर विजिबिलिटी जरूरी है। अगर आज मौसम थोड़ा सुधरता है और दृश्यता बढ़ती है तो कानपुर से विमान उड़ान भरकर दिल्ली के आसमान में क्लाउड सीडिंग करेगा। इसके जरिए बादलों पर विशेष पायरो तकनीक (Pyro Technique) से रासायनिक तत्व छोड़े जाएंगे ताकि बारिश हो सके और प्रदूषण के स्तर में गिरावट आए।
IIT कानपुर के नेतृत्व में पहली बार होगा प्रयोग दिल्ली में इस तरह का प्रयोग पहली बार किया जा रहा है। IIT कानपुर की निगरानी में यह पूरी प्रक्रिया की जा रही है। मौसम विभाग ने पहले ही 28, 29 और 30 अक्टूबर को बादल छाए रहने की संभावना जताई थी। इसी वजह से सरकार ने इस दिन को क्लाउड सीडिंग के लिए चुना है। अगर मौसम अनुकूल रहा तो अगले 24 से 48 घंटे के भीतर दिल्ली में पहली कृत्रिम बारिश देखने को मिल सकती है, जिससे हवा में मौजूद जहरीले कण नीचे गिरेंगे और प्रदूषण का स्तर घटेगा।
कैसे होती है क्लाउड सीडिंग क्लाउड सीडिंग दरअसल एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसमें विमान के जरिए बादलों में चांदी आयोडाइड (Silver Iodide) जैसे रसायन डाले जाते हैं। ये रसायन पानी की बूंदों को आकर्षित करते हैं और इससे बारिश होती है। यह प्रक्रिया प्राकृतिक बारिश की तरह ही असर करती है लेकिन इसका प्रभाव सीमित समय के लिए होता है।
3.21 करोड़ रुपये मंजूर, पांच ट्रायल होंगे दिल्ली सरकार ने क्लाउड सीडिंग के 5 ट्रायल्स के लिए कुल 3.21 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। यह परियोजना अगर सफल रहती है तो प्रदूषण से राहत पाने की दिशा में यह दिल्ली के लिए बड़ा कदम साबित होगा। कृत्रिम बारिश से हवा में मौजूद धूल, धुआं और जहरीले कण साफ होने की उम्मीद है, जिससे लोगों को प्रदूषण से थोड़ी राहत मिल सकती है।