जितनी पढ़ी-लिखी होंगी महिलाएं, उतनी कम पैदा करेंगीं बच्चे,
SRS रिपोर्ट का बड़ा खुलासा
8 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Education Can Help Control Population: भारत की जनसंख्या नियंत्रण नीति को लेकर जारी हुई सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS) 2023 की रिपोर्ट ने चौंकाने वाले तथ्य सामने रखे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि महिलाओं की शिक्षा का स्तर जितना बढ़ता है, उनका टोटल फर्टिलिटी रेट (TFR) यानी बच्चे पैदा करने की संख्या उतनी ही घटती जाती है। यह साफ संकेत है कि महिलाओं की शिक्षा ही जनसंख्या नियंत्रण, परिवार नियोजन और सामाजिक विकास की सबसे मजबूत कुंजी है।
आंकड़ों ने खोला राज
SRS 2023 के मुताबिक, जिन ग्रामीण महिलाओं ने कभी स्कूल नहीं देखा, उनका TFR 2.2 है। वहीं, जिन महिलाओं ने केवल प्राइमरी या मिडिल स्कूल तक पढ़ाई की, उनका TFR लगभग 2.2 और 2 के आसपास है। लेकिन जैसे ही शिक्षा का स्तर कक्षा 10वीं और 12वीं से ऊपर पहुंचता है, यह दर घटकर 1.8 और 1.6 तक आ जाती है। यानी जितनी पढ़ाई बढ़ेगी, उतनी जन्म दर कम होगी। यह संबंध सीधा और स्पष्ट है।
क्यों बच्चे कम पैदा करती हैं पढ़ी-लिखी महिलाएं
विशेषज्ञों का कहना है कि शिक्षा महिलाओं को आत्मनिर्भर और जागरूक बनाती है। पढ़ी-लिखी महिलाएं अपने जीवन से जुड़े फैसले खुद ले सकती हैं फिर चाहे वह शादी हो, करियर हो या परिवार नियोजन। उच्च शिक्षा पाने वाली महिलाएं पहले करियर और पढ़ाई पर ध्यान देती हैं, जिससे शादी और मातृत्व की उम्र आगे बढ़ जाती है। इसका असर सीधा जन्म दर पर पड़ता है।
परिवार नियोजन और स्वास्थ्य पर असर
पढ़ी-लिखी महिलाओं को कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड, प्रजनन स्वास्थ्य और पीरियड्स से जुड़ी जानकारी ज्यादा होती है। वे मॉडर्न परिवार नियोजन तरीकों को अपनाने में झिझकती नहीं हैं। इससे न सिर्फ जन्म दर नियंत्रित होती है, बल्कि मातृ मृत्यु दर कम होती है और बच्चों का स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है।
सोच में बदलाव का बड़ा असर
SRS रिपोर्ट बताती है कि शिक्षा केवल आंकड़ों को नहीं बदलती, बल्कि सोच को भी बदलती है। पहले परिवारों की प्राथमिकता ज्यादा बच्चे होना थी, लेकिन अब माता-पिता चाहते हैं कि बच्चे कम हों लेकिन उन्हें अच्छी शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य और बेहतर जीवन मिले। यही सोच आने वाले समय में भारत को महिला सशक्तिकरण और आर्थिक विकास की दिशा में आगे बढ़ा सकती है।