क्यों किसी की आंखें नीली, तो किसी की भूरी,
जानें इसके पीछे का वैज्ञानिक राज़
4 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Colors Eyes : जब भी आप किसी से पहली बार मिलते हैं, तो सबसे पहले उनकी आंखें ध्यान खींच लेती हैं. किसी की आंखें गहरी भूरी होती हैं, किसी की नीली तो किसी की दुर्लभ हरी, जो रोशनी में और भी खूबसूरत लगती हैं. आंखों का रंग सिर्फ सुंदरता नहीं बढ़ाता, बल्कि यह जेनेटिक्स और विज्ञान का भी कमाल है. हर आंख अपने भीतर एक अनोखी कहानी समेटे रहती है. आइए जानते हैं कि आखिर आंखों के रंग के पीछे क्या राज़ छिपा है और यह क्यों बदलता है.
मेलेनिन का खेल आंखों का रंग तय होता है आइरिस में, जो पुतली के चारों ओर एक रंगीन छल्ले जैसी संरचना है. इसमें मेलेनिन नाम का पिगमेंट मौजूद होता है. भूरी आंखों में मेलेनिन की मात्रा सबसे ज्यादा होती है, जो रोशनी को सोखकर गहरा रंग देती है. नीली आंखों में मेलेनिन बहुत कम होता है और उनका रंग टिंडल इफेक्ट से बनता है, जैसे आसमान नीला दिखता है. हरी आंखें मेलेनिन और रोशनी के संतुलन से बनती हैं, जबकि हेजल आंखों में मेलेनिन का असमान वितरण होता है, जिसकी वजह से उनका रंग रोशनी के साथ बदलता दिखता है.
जेनेटिक्स का कमाल पहले माना जाता था कि आंखों का रंग एक ही जीन तय करता है, लेकिन अब वैज्ञानिक मानते हैं कि कई जीन मिलकर यह रंग निर्धारित करते हैं. यही वजह है कि एक ही परिवार में बच्चों की आंखों का रंग अलग-अलग हो सकता है. दो नीली आंखों वाले माता-पिता का बच्चा हरी या हल्की भूरी आंखों वाला भी हो सकता है. यूरोपीय देशों में कई बच्चे नीली या ग्रे आंखों के साथ पैदा होते हैं, लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, मेलेनिन का स्तर बढ़ता है और रंग बदल जाता है.
बदलता रंग और दुर्लभ स्थितियां वयस्कों में आंखों का रंग आमतौर पर स्थिर रहता है, लेकिन रोशनी, कपड़ों या पुतली के आकार के कारण कभी-कभी बदलता हुआ लगता है. कुछ लोगों को हेटरोक्रोमिया नामक दुर्लभ स्थिति होती है, जिसमें दोनों आंखों का रंग अलग होता है या एक ही आंख में दो रंग दिखते हैं. हॉलीवुड एक्ट्रेस केट बोसवर्थ और मिला कुनिस इसी स्थिति के लिए जानी जाती हैं. गायक डेविड बोवी की आंखें चोट की वजह से अलग रंग की दिखती थीं.
दुनिया में कौन सा रंग आम है विश्वभर में भूरी आंखें सबसे आम हैं, खासकर एशिया और अफ्रीका में. नीली आंखें उत्तरी और पूर्वी यूरोप में पाई जाती हैं, जबकि हरी आंखें केवल 2% आबादी में होती हैं. भारत में भूरी और हेजल आंखें ज्यादा देखने को मिलती हैं, वहीं नीली और हरी आंखों को खास और आकर्षक माना जाता है।