G20 जोहानसबर्ग: यूक्रेन-गाज़ा से लेकर टेक और आतंकवाद तक ,
नेताओं की अहम बैठकें
1 months ago Written By: अनिकेत प्रजापति
जोहान्सबर्ग में जारी G20 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन वैश्विक सुरक्षा, मानवीय मदद और तकनीकी साझेदारी पर तेज़ चर्चा हुई। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और जर्मनी के चांसलर फ़्रीडरिख मर्ज ने यूक्रेन युद्ध और गाज़ा की स्थिति पर विस्तृत बात की। दोनों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि यूक्रेन से जुड़े किसी भी समझौते में कीव की भूमिका और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी है। गाज़ा के लिए उन्होंने व्यापक शांति योजना का समर्थन किया और तत्काल बड़े पैमाने पर मानवीय सहायता घाटी में पहुँचाने पर ज़ोर दिया। साथ ही दोनों देशों ने महत्वपूर्ण खनिज, साफ-ऊर्जा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में गहरे सहयोग पर सहमति जताई।
PM मोदी की सक्रिय भागीदारी और त्रिपक्षीय पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी G20 में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं और कई द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय बैठकों में शामिल हुए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि मोदी ने पहले सत्र में ‘One Earth, One Family, One Vision’ की आधारशिला पर चार महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे। मोदी ने सोशल मीडिया (X) पर लिखा कि G20 नेताओं के साथ वैश्विक प्रगति और समृद्धि के प्रति हमारी प्रतिबद्धता मजबूत हुई है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के साथ मिलकर त्रिपक्षीय तकनीकी समझौते की भी घोषणा की, जिससे तीन महाद्वीपों के लोकतांत्रिक साथी सप्लाई चेन, क्लीन एनर्जी और AI में साझेदारी बढ़ाएँगे। यह मोदी का 12वां G20 समिट है।
ड्रग-टेरर nexus और IBSA पर मोदी की बात प्रधानमंत्री मोदी ने खुले सत्र में कहा कि वैश्विक विकास मानदंडों की पुनर्समीक्षा आवश्यक है और G20 को ड्रग-टेरर नेटवर्क से मुकाबले के लिए नई पहल बनानी चाहिए। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा को इस समिट की मेजबानी के लिए धन्यवाद दिया। IBSA (भारत-ब्राज़ील-दक्षिण अफ्रीका) बैठक में मोदी ने वैश्विक संस्थानों में सुधार की ज़रूरत पर ज़ोर दिया और कहा कि संस्थागत सुधार अब अनिवार्यता बन चुका है। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ तीनों देशों के बीच और समन्वय बढ़ाने का प्रस्ताव रखा और याद दिलाया कि 2021 में IBSA के दौर में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की पहली बैठक हुई थी, जिसे स्थायी रूप दिया जा सकता है।