GST से महंगाई पर लगाम और राजस्व में बढ़ोतरी,
जानिए कैसे सरकार और जनता दोनों को मिला फायदा
6 days ago Written By: Ashwani Tiwari
GST New Slabs 2025: मोदी सरकार ने दूसरी पीढ़ी के आर्थिक सुधारों की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए जीएसटी (GST) में बदलाव किया है। अब तक जीएसटी में चार टैक्स स्लैब थे, लेकिन सरकार ने इन्हें घटाकर 5% और 18% के दो नएस्लैब कर दिए हैं। इस फैसले से आम जनता को महंगाई से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, साथ ही बाज़ार में मांग भी बढ़ेगी। गौरतलब है कि 2017 में जीएसटी लागू किया गया था। उससे पहले अप्रत्यक्ष करों का ढांचा काफी जटिल था। केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर अलग-अलग टैक्स लगते थे, जिससे व्यापारियों और जनता को दिक्कत होती थी।
जीएसटी क्यों है खास जीएसटी को एक देश, एक टैक्स कहा जाता है। पहले अलग-अलग राज्यों में अलग टैक्स दरें थीं, जिससे कारोबारियों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। लेकिन जीएसटी आने के बाद देशभर में टैक्स ढांचा एक जैसा हो गया। इससे माल को एक राज्य से दूसरे राज्य ले जाना आसान हो गया और एक साझा राष्ट्रीय बाजार बना।
टैक्स पर टैक्स का झंझट खत्म जीएसटी से पहले कंपनियों को खरीद और बिक्री दोनों पर अलग-अलग टैक्स देना पड़ता था। लेकिन जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की सुविधा दी गई। यानी कंपनियां अपने द्वारा चुकाए गए टैक्स को बिक्री पर लगने वाले टैक्स से घटा सकती हैं। इससे टैक्स का बोझ कम हुआ और ग्राहकों को भी फायदा मिला।
कारोबार और निवेश को मिली ताकत जीएसटी लागू होने के बाद जीएसटी नेटवर्क (GSTN) नामक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाया गया। इसके जरिए रजिस्ट्रेशन, रिटर्न फाइलिंग और टैक्स भुगतान आसान हो गया। पेपर वर्क कम होने से कारोबारियों को सहूलियत मिली और पारदर्शिता भी बढ़ी। इसके अलावा, राज्यों की सीमाओं पर टैक्स वसूली खत्म होने से परिवहन लागत घटी। नतीजतन, कारोबार करना आसान हुआ और निवेश को बढ़ावा मिला।
सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स चोरी रोकने के लिए ई-वे बिल और ई-इनवॉयसिंग जैसे उपाय किए गए। इससे राजस्व संग्रह बढ़ा और धोखाधड़ी कम हुई। छोटे कारोबारियों को कंपोजीशन स्कीम का लाभ मिला और उनका टैक्स बोझ घटा। साथ ही कम टैक्स रेट और आसान प्रक्रिया से भारतीय उत्पाद वैश्विक स्तर पर और प्रतिस्पर्धी हो गए।