2025 के वो 6 महीने जब भारत की सड़कों, स्टेशनों और आसमानों में मौत ने डाला डेरा,
आइए जानते हैं उन काली घटनाओं की पूरी सच्चाई
4 days ago Written By: Sushant Pratap Singh
साल 2025 की पहली छमाही भारत के लिए सिर्फ कैलेंडर की कुछ तारीखें नहीं रहीं। ये वो महीने थे जब देश ने एक के बाद एक ऐसी घटनाएं देखीं, जिनमें ना सिर्फ सैकड़ों लोगों की जान गई, बल्कि जनता का विश्वास, सरकारी व्यवस्था पर भरोसा, और एक सभ्य समाज की बुनियाद भी हिलती नजर आई। ये हादसे न किसी एक राज्य तक सीमित थे, न किसी एक धर्म या वर्ग से जुड़े बल्कि इनका असर पूरे देश ने महसूस किया।
अहमदाबाद में प्लेन टेक-ऑफ के चंद सेकंड के भीतर ही गई 297 लोगों की जान
12 जून की सुबह अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन के लिए उड़ान भर रहा एक पैसेंजर विमान कुछ ही सेकंड में क्रैश हो गया। विमान शहर की एक रिहायशी इमारत से टकरा गया, जिससे आसमान से आया मलबा सीधे दर्जनों घरों पर गिरा। हादसे में 241 यात्री और 56 स्थानीय निवासी मारे गए। मरने वालों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे। शुरुआती जांच में सामने आया है कि विमान में तकनीकी खामी की जानकारी पहले से थी, लेकिन उसे उड़ान से पहले गंभीरता से नहीं लिया गया।
महाकुंभ में भगदड़: भीड़ पर आस्था भारी पड़ी
जनवरी की सर्द रातों में प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में गंगा स्नान के लिए लाखों श्रद्धालु उमड़े। जहां पर 28-29 तारीख की रात, प्रयागराज के महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या पर स्नान के दौरान संगम नोज क्षेत्र में भीड़ बेकाबू हो गई। जब बैरिकेड टूटा, तो अफरातफरी मच गई, लोग एक-दूसरे पर गिरते चले गए। इस भगदड़ में 37 श्रद्धालुओं ने अपनी जान गंवा दी और 60 से अधिक लोग घायल हो गए। श्रद्धा का वो पवित्र स्थल, एक पल में शोक का दृश्य बन गया।
बैसरन घाटी पर आतंकी हमला
अप्रैल में जम्मू-कश्मीर की बैसरन घाटी, जिसे मिनी स्विट्जरलैंड कहा जाता है, वहां घूमने आए पर्यटकों पर अचानक आतंकी हमला हुआ। कर्नाटक, ओडिशा और कानपुर जैसे राज्यों से आए निर्दोष लोग गोलियों की चपेट में आ गए। इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें रियल एस्टेट एजेंट, अकाउंटेंट और व्यापारी जैसे आम लोग थे, जो शायद सिर्फ कुछ यादें बनाने निकले थे, मगर घर कभी लौट नहीं पाए।
दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अफवाह बनी मौत की वजह
15 फरवरी को दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक विशेष ट्रेन के प्लेटफॉर्म बदलने की अफवाह फैल गई। भारी भीड़ प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 के बीच बने संकरे फुट ओवरब्रिज पर उमड़ पड़ी। इस भगदड़ में 18 लोग मारे गए, जिनमें 14 महिलाएं और 3 मासूम बच्चे शामिल थे। अफरातफरी, अफवाह, और प्रशासन की तैयारी में कमी ने इस हादसे को जन्म दिया।
बेंगलुरु में जीत का जश्न मातम में बदला
IPL 2025 की चैंपियन बनी RCB की जीत का जश्न मनाने के लिए 12 मई को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर लाखों लोग जमा हो गए। स्टेडियम की क्षमता से कई गुना ज़्यादा लोग पहुंचे और गेट तोड़कर अंदर जाने की कोशिश की। हालात बेकाबू हुए और भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई। इस आयोजन के लिए कोई भीड़ नियंत्रण प्लान मौजूद नहीं था। पुलिस बल भी कम था और आयोजकों ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी नहीं किए थे। जीत का उत्सव कुछ परिवारों के लिए जीवन भर का दुख बन गया।