भारत में शुरू हुआ ई-पासपोर्ट का दौर,
अब चिप और एंटीना के साथ मिलेगा हाई-टेक पासपोर्ट
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
E-Passports News: देश में पासपोर्ट व्यवस्था में बड़ा बदलाव शुरू हो गया है। भारत सरकार ने नए ई-पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इनमें न सिर्फ कागज़ का हिस्सा होगा, बल्कि इसके अंदर एक इलेक्ट्रॉनिक चिप और छोटा एंटीना भी लगा होगा। यह चिप आपकी निजी और बायोमीट्रिक जानकारी को सुरक्षित रखेगी और उसकी जांच कुछ ही सेकंड में हो सकेगी। सरकार अब तक 80 लाख ई-पासपोर्ट जारी कर चुकी है, जबकि विदेशों में भारतीय मिशनों ने 60 हजार से ज्यादा ऐसे पासपोर्ट जारी किए हैं। लक्ष्य है कि जून 2035 के बाद देश में एक भी पुराना पासपोर्ट न बचे और सभी ई-पासपोर्ट में बदल दिए जाएं।
क्या है ई-पासपोर्ट और इसमें क्या खास है राज्यसभा में विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने बताया कि ई-पासपोर्ट में कागज़ी पन्नों के साथ RFID चिप लगाई जाती है। इसमें मौजूद एंटीना चिप को बिना छुए स्कैन करने में मदद करता है। पासपोर्ट पर जो जानकारी प्रिंट होती है, वही जानकारी एन्क्रिप्ट होकर चिप के अंदर भी रहती है। इससे छेड़छाड़ या नकली पासपोर्ट बनाना लगभग असंभव हो जाता है। इस चिप को इमिग्रेशन काउंटर पर टच स्क्रीन से टच करते ही वेरिफिकेशन तुरंत पूरा हो जाएगा। इससे यात्रियों का समय बचेगा और लंबी लाइनों की परेशानी भी कम होगी।
नकली पासपोर्ट पर पूरी तरह रोक ई-पासपोर्ट में इंटरलॉकिंग माइक्रोलेटर्स और रिलीफ टिंट्स का इस्तेमाल किया गया है, जो नोटों की तरह बेहद महीन अक्षरों में सुरक्षा प्रदान करते हैं। यह पासपोर्ट को कॉपी करना या उसकी नकल तैयार करना नामुमकिन बना देता है। मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, चिप में फोटो, फिंगरप्रिंट और बाकी बायोमीट्रिक जानकारी डिजिटल साइन फॉर्म में रहती है। ICAO मानकों के हिसाब से तैयार यह सिस्टम पासपोर्ट फ्रॉड को लगभग खत्म कर देगा और किसी एक व्यक्ति के नाम पर दूसरा पासपोर्ट बन पाना संभव नहीं होगा।
PSP V2.0 के तहत नई सेवाएं और आधुनिक तकनीक सरकार ने पासपोर्ट सेवा को अपग्रेड करके PSP V2.0 लॉन्च किया है। इसके तहत देश के 37 रीजनल पासपोर्ट ऑफिस, 93 पासपोर्ट सेवा केंद्र और 451 पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र नए सिस्टम पर काम कर रहे हैं। नई व्यवस्था में AI चैटबॉट, वॉइस बॉट, ऑनलाइन डॉक्युमेंट अपलोड, UPI भुगतान, फेस रिकॉग्निशन सिस्टम, AI-अलर्ट और डेटा एनालिटिक्स की सुविधाएं जोड़ी गई हैं। यह सिस्टम DigiLocker, आधार और PAN से भी जुड़ा है। नागरिकों की मदद के लिए 17 भाषाओं में नेशनल कॉल सेंटर शुरू किया गया है और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए नोएडा, चेन्नई और बेंगलुरु में तीन आधुनिक डेटा सेंटर बनाए गए हैं।