होमगार्ड की बेटी जैस्मिन लेंबोरिया ने बॉक्सिंग में जीता गोल्ड मेडल,
दादा भी थे एक मुक्केबाज
5 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
World Boxing Championship: वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2025 में भारत की जैस्मिन लेंबोरिया ने इतिहास रच दिया। 24 वर्षीय जैस्मिन ने 57 किलोग्राम कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया। फाइनल मुकाबले में उन्होंने पोलैंड की जूलिया सेरेमेटा को मात दी। यह साल के चैंपियनशिप में भारत का पहला गोल्ड मेडल है। खेल जगत में यह जीत भारत के लिए गर्व का क्षण साबित हुई है।
मुकाबला और रणनीति
मैच की शुरुआत में जैस्मिन पीछे चल रही थीं। जूलिया, जो पेरिस ओलंपिक में रजत पदक जीत चुकी हैं, ने शुरूआत में बढ़त बनाई। लेकिन जैस्मिन ने दूसरे राउंड में अपने लॉन्ग रेंज स्टाइल का इस्तेमाल किया और बेहतरीन जैब मारकर अंक बटोरे। मैच में जूलिया भी सक्रिय रहीं, लेकिन अंततः जजों ने 4-1 के मत से जैस्मिन को विजेता घोषित किया।
जैस्मिन लेंबोरिया की कहानी
हरियाणा में 30 अगस्त 2001 को जन्मी जैस्मिन को चाचा संदीप सिंह और परविंदर सिंह से मुक्केबाजी की प्रेरणा मिली। उनके परदादा हवा सिंह भी 1960-70 के दशक में भारतीय मुक्केबाजी में स्वर्ण पदक विजेता रहे। जैस्मिन के परिवार में कई मुक्केबाज हैं, जिन्होंने देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीते।
संघर्ष और प्रशिक्षण
जैस्मिन के पिता होमगार्ड थे और मां गृहिणी। शुरुआती दिनों में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। उनके चाचा ने उन्हें प्रशिक्षित किया और पढ़ाई के साथ खेल में संतुलन बनाए रखने में मदद की।
परिवार की और उपलब्धियां
जैस्मिन की रिश्तेदार, नूपुर श्योराण ने 81 किलोग्राम कैटेगरी में रजत पदक जीता। फाइनल में नूपुर को पोलैंड की अगाता काज्मार्स्का से 3-2 के फैसले में हार मिली। जैस्मिन की जीत ने भारतीय मुक्केबाजी को एक नई ऊंचाई दी है और देशभर में खेल प्रेमियों में उत्साह पैदा कर दिया है।