भारत के मास्टर स्ट्रोक से सदमे में पाकिस्तान,
पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसने की आशंका थी, अब बाढ़ में डूब गया
3 days ago
Written By: News Desk
एक तरफ पाकिस्तानी नेता सिंधु समझौते को लेकर कह रहे थे कि सिंधु से या तो पाकिस्तान के लिए पानी बहेगा या फिर उनका खून बहेगा लेकिन अब वही पाकिस्तान सूखे की नहीं बाढ़ की चपेट में आया है। आखिर कैसे सूखे की आशंका लिए बैठा पाकिस्तान बाढ़ के शिकंजे में आ गया। आइये जानते है...
पहलगाम हमले के बाद से मचा घमासान
कश्मीर में आतंकी हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी का माहौल है। पहलगाम में हुए इस नरसंहार के बाद देशवासियों में गुस्सा है और लगातार आतंकियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग उठ रही है। भारत सरकार ने भी पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए, जिसमें सिंधु जल समझौते को रद्द करना भी शामिल था। सिंधु जल समझौते के रद्द होने का मतलब था कि जो पानी पाकिस्तान जाता है उसे रोक दिया जाएगा।
सिंधु नदी का पानी रोकने पर क्या असर पड़ेगा ?
सिंधु नदी के पानी पर पूरे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था निर्भर करती है। पाकिस्तान की खेती का लगभग 80% और बिजली उत्पादन का 30% सिंधु नदी के पानी पर निर्भर है। 1960 में हुए सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को झेलम, सिंधु और चिनाब नदियों का 80% पानी मिलता है। अगर भारत अब ये पानी रोकना शुरू कर देता है तो इससे पाकिस्तान के खाद्य उत्पादन में भारी गिरावट आएगी, बिजली संकट पैदा होगा, और शहरी जल की आपूर्ति बाधित हो सकती है।
पाकिस्तान में जल आपातकाल
सिंधु समझौते के रद्द होने के बाद जहां पाकिस्तान सूखे से निपटने की तैयारी कर रहा था। उसी पाकिस्तान में आज बाढ़ जैसे हालात बन गए है। झेलम नदी के जलस्तर में हुए बढ़ोत्तरी के कारण POK कुछ इलाकों में पानी का भराव हो गया है। स्थानीय अधिकारियों ने दावा किया है कि भारत ने बिना बताए उरी बांध से पानी को छोड़ दिया। जिसके चलते POK के हट्टियन बाला जिले में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई।
पानी छोड़ने को लेकर भारत ने क्या कहा ?
भारत सरकार ने इसको लेकर आधिकारिक रूप से तो कुछ नहीं कहा है। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये पानी छोड़ा जाना, जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के चलते हुई एक ज़रूरी रूटीन डैम ऑपरेशन था।
पाक ने भारत पर लगाया जल आतंकवाद का आरोप
इस घटना के बाद पाकिस्तानी अधिकारियों ने भारत पर जल आतंकवाद का आरोप लगाया है। पाकिस्तानी सरकार ने कहा कि भारत ने बिना बताए पानी को छोड़ा है। उनका कहना है कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय मानदंडों और सिंधु जल संधि का उल्लंघन किया है।