सऊदी-पाकिस्तान डिफेंस पैक्ट पर भारत सख्त,
बोला- अपनी सुरक्षा के लिए उठाएंगे हर कदम
1 days ago Written By: Ashwani Tiwari
India Issue Statement on Saudi Arab Pakistan Defence Deal: सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच मंगलवार को हुए स्ट्रैटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट (रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौता) को लेकर भारत ने सतर्क रुख अपनाया है। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को स्पष्ट किया कि सरकार को इस समझौते की जानकारी पहले से थी और अब इसके असर का राष्ट्रीय सुरक्षा, क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के संदर्भ में बारीकी से आकलन किया जाएगा। मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और हर स्तर पर आवश्यक कदम उठाता रहेगा।
दशकों पुरानी साझेदारी को औपचारिक रूप रियाद में हुए इस समझौते की घोषणा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने की। इस पैक्ट में यह प्रावधान है कि यदि किसी एक देश पर हमला होता है तो उसे दोनों देशों पर हमला माना जाएगा। संयुक्त बयान में कहा गया कि यह रक्षा सहयोग को और मजबूत करेगा और संयुक्त प्रतिरोध की क्षमता को बढ़ाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस समझौते के जरिए दोनों देशों की दशकों पुरानी साझेदारी को अब औपचारिक रूप मिल गया है।
इस्लामी एकजुटता और साझा हितों पर आधारित पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह समझौता इस्लामी एकजुटता और साझा हितों पर आधारित है। सऊदी अधिकारियों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि यह व्यापक रक्षात्मक समझौता सभी सैन्य साधनों को कवर करता है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि यह कदम लंबे समय से विचाराधीन था और भारत को इसकी जानकारी थी।
भारत की सुरक्षा प्राथमिकता रंधीर जायसवाल ने जोर दिया कि भारत क्षेत्रीय तनावों को देखते हुए अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देगा। विश्लेषकों का कहना है कि यह पैक्ट दक्षिण एशिया के जटिल भू-राजनीतिक हालात को प्रभावित कर सकता है, खासकर तब जब इस साल मई में भारत और पाकिस्तान के बीच एक छोटा युद्ध भी हो चुका है।
सऊदी अरब के भारत और पाकिस्तान से रिश्ते सऊदी अरब के भारत के साथ गहरे आर्थिक संबंध हैं, जिनमें व्यापार और निवेश शामिल है। वहीं पाकिस्तान के साथ उसके सैन्य रिश्ते 1960 के दशक से चले आ रहे हैं। पाकिस्तान ने अब तक 8,200 से अधिक सऊदी सैनिकों को प्रशिक्षित किया है। यही वजह है कि यह समझौता भारत के लिए खास मायने रखता है और सरकार लगातार इसके असर का अध्ययन कर रही है।