जेल से बचने के लिए रूस की सेना में शामिल हुआ भारतीय युवक,
तीन दिन बाद यूक्रेन के सामने किया सरेंडर
20 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Delhi News: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को दो साल से ज्यादा हो चुके हैं। अब इस संघर्ष में एक भारतीय के शामिल होने की चौंकाने वाली खबर सामने आई है। रिपोर्टों के अनुसार, गुजरात के मोरबी जिले का रहने वाला 22 वर्षीय मझोती साहिल मोहम्मद हुसैन रूस की ओर से लड़ रहा था। लेकिन केवल तीन दिन युद्ध में रहने के बाद उसने यूक्रेनी सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। बताया जा रहा है कि वह रूस में जेल जाने से बचने के लिए इस युद्ध में शामिल हुआ था।
जेल से बचने के लिए रूस की सेना में भर्ती
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साहिल मोहम्मद हुसैन पढ़ाई के लिए रूस गया था। लेकिन वहां उस पर ड्रग्स से जुड़े आरोप लग गए और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अदालत ने उसे सात साल की सजा सुनाई थी। जेल से बचने के लिए उसने रूस के स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन में शामिल होने का फैसला किया। यानी उसने सेना में भर्ती होकर फ्रंटलाइन पर जाने के बदले सजा से राहत पाने की कोशिश की। लेकिन युद्ध के हालात देखने के बाद उसने खुद को यूक्रेनी सेना के हवाले कर दिया।
यूक्रेनी सेना ने जारी किया वीडियो यूक्रेनी सेना की 63वीं मैकेनाइज्ड ब्रिगेड ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें हुसैन यह स्वीकार करता नजर आ रहा है कि वह जेल की सजा से बचने के लिए रूसी सेना में शामिल हुआ था। वीडियो में वह रूसी भाषा में कहता है, मैं जेल में नहीं रहना चाहता था, इसलिए मैंने स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किए। लेकिन अब मैं वहां से निकलना चाहता हूं। उसने बताया कि 1 अक्टूबर को उसे अग्रिम मोर्चे पर भेजने से पहले केवल 16 दिनों की बेसिक ट्रेनिंग दी गई थी। अपने कमांडर से झगड़े के बाद उसने युद्ध छोड़ने का फैसला किया।
मैं लड़ना नहीं चाहता था वीडियो में हुसैन यह भी कहता है कि वह लगभग दो-तीन किलोमीटर दूर यूक्रेनी खाई तक पहुंच गया और अपनी राइफल नीचे रख दी। उसने कहा, मैं लड़ना नहीं चाहता, मुझे मदद चाहिए। उसका दावा है कि लड़ाई में शामिल होने के बदले जो पैसे देने का वादा किया गया था, वे उसे कभी नहीं मिले। उसने यह भी कहा कि वह रूस वापस नहीं जाना चाहता और यूक्रेन की जेल में रहना पसंद करेगा।
जांच में जुटा भारतीय मिशन पूरे मामले पर यूक्रेनी सेना की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, यूक्रेन में मौजूद भारतीय दूतावास इस घटना की जांच में जुट गया है और हुसैन की स्थिति की जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहा है। यह पहला मामला नहीं है जब भारतीय नागरिकों के रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसने की खबर सामने आई हो, लेकिन इस बार कहानी जेल से बचने के लिए जंग में उतरने तक पहुंच गई है।