रात की ट्रेन में अकेली थी महिला, अचानक लिया गया नाम… फिर जो हुआ,
उसने कायम की भरोसे की नई मिसाल
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Viral News: मुंबई से सूरत जा रही वंदे भारत ट्रेन की एक रात की यात्रा ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरी है। मामला कोई बड़ा हादसा नहीं, बल्कि एक छोटी-सी लेकिन दिल को छू लेने वाली घटना का है, जिसने यह भरोसा दिलाया कि भारतीय रेलवे और RPF महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अब कहीं ज्यादा सतर्क और संवेदनशील हो चुकी है। एक महिला यात्री पूर्वी जैन ने लिंक्डइन पर अपनी कहानी साझा की, जो अब लाखों लोगों के बीच उम्मीद की किरण बन चुकी है।
रात को सुनाई दिया नाम
रात के करीब 11 बजे का समय था। वंदे भारत एक्सप्रेस में सीट नंबर 38 पर अकेली बैठीं पूर्वी जैन आराम कर रही थीं, तभी किसी ने धीरे से उनका नाम लेकर पुकारा पूर्वी यह सुनकर वे चौंककर उठीं। सामने देखा तो दो महिला RPF अधिकारी खड़ी थीं। उन्होंने पूछा कि क्या आप ठीक हैं कोई समस्या तो नहीं है इसके बाद उन्होंने एक हेल्पलाइन नंबर भी दिया और कहा कि कभी असुरक्षित महसूस हो, तो इस नंबर पर तुरंत कॉल करें।
मेरी सहेली पहल का हिस्सा था ये सरप्राइज विज़िट
यह कार्रवाई रेलवे और RPF की मेरी सहेली पहल के तहत की गई थी, जिसका उद्देश्य अकेली महिला यात्रियों को रात में ट्रेनों में सुरक्षा और सहयोग देना है। यह सुनकर न केवल पूर्वी को तसल्ली हुई, बल्कि बगल में बैठे बुजुर्ग दंपति ने भी इस पहल की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह की कोशिशें हर उस माता-पिता या दादा-दादी को सुकून देती हैं जिनकी बेटियां अकेले सफर करती हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई कहानी
पूर्वी की पोस्ट को हजारों लोगों ने लाइक और शेयर किया है। एक महिला यूज़र ने लिखा कि उनके साथ भी ऐसी चेकिंग हुई थी और यह जानकर अच्छा लगा कि यह सिर्फ एक बार की बात नहीं, बल्कि नियमित प्रक्रिया है। एक अन्य यूजर ने कहा कि अखबारों में सिर्फ नेगेटिव खबरें पढ़ने के बाद ऐसी सकारात्मक कहानियां राहत देती हैं।
क्या है मेरी सहेली योजना
मेरी सहेली पहल भारतीय रेलवे द्वारा 2023 में शुरू की गई थी। इसके तहत 700 से ज्यादा महिला अधिकारी रात की ट्रेनों में तैनात रहती हैं, खासकर उन रूट्स पर जहां अकेली महिला यात्रियों की संख्या अधिक होती है। अधिकारी सफर की शुरुआत से लेकर गंतव्य तक नजर बनाए रखती हैं और जरूरत पड़ने पर संपर्क करती हैं।
छोटे कदम, बड़ा बदलाव
पूर्वी का कहना है कि भारत अभी परफेक्ट नहीं है, लेकिन ऐसे छोटे-छोटे कदम साबित करते हैं कि हम सही दिशा में बढ़ रहे हैं। तेज टिकट बुकिंग, आसान चेकिंग और वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनों के साथ अब सुरक्षा जैसी अहम चीजें भी सुदृढ़ होती दिख रही हैं।