भारत का सबसे भारी रॉकेट फिर बना इतिहास,
अंतरिक्ष में पहुंचा संचार उपग्रह CMS-03
1 months ago Written By: अंतरिक्ष में पहुंचा संचार उपग्रह CMS-03
ISRO Rocket Launch Today News Live Updates: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रविवार को एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से भारत के सबसे भारी रॉकेट LVM3–M5 ने सफल उड़ान भरी। यह रॉकेट अपने साथ संचार उपग्रह CMS-03 लेकर अंतरिक्ष की ओर रवाना हुआ। यह मिशन भारत की अंतरिक्ष संचार क्षमताओं को नई ऊंचाई देगा और देश को वैश्विक स्तर पर एक और मजबूत पहचान दिलाएगा।
लॉन्च के दौरान ऐसे हुआ संचालन रॉकेट ने उड़ान भरते ही अपने पहले चरण S200 स्टेज को सक्रिय किया, जो सॉलिड प्रोपेलेंट (HTPB) से चलता है। लगभग 131 सेकंड बाद S200 बूस्टर अलग हो गया, जब रॉकेट की रफ्तार 2.005 किलोमीटर प्रति सेकंड तक पहुंच गई। इसके बाद बाकी दो चरणों ने काम संभाला और रॉकेट को निर्धारित कक्षा में पहुंचाया।
LVM3: इसरो का मॉन्स्टर रॉकेट LVM3 को पहले GSLV Mk 3 कहा जाता था। इसमें तीन तरह के इंजन होते हैं – सॉलिड, लिक्विड और क्रायोजेनिक फ्यूल बेस्ड। यह रॉकेट लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में लगभग 8,000 किलोग्राम और जियोसिंक्रोनस ऑर्बिट (36,000 किमी ऊंचाई) में करीब 4,000 किलोग्राम तक का भार ले जा सकता है। इस “मॉन्स्टर रॉकेट” ने अब तक के सभी सात मिशनों में 100% सफलता हासिल की है। यही रॉकेट चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 जैसे ऐतिहासिक मिशनों को भी लेकर गया था।
विदेशी सैटेलाइट लॉन्च में भी रहा आगे रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान जब वैश्विक लॉन्च विकल्प सीमित हो गए थे, तब ISRO ने इसी LVM3 रॉकेट से ब्रिटेन की OneWeb कंपनी के 72 सैटेलाइट्स दो बार लॉन्च किए थे। उसी सफलता के बाद इस रॉकेट को औपचारिक रूप से LVM-3 नाम दिया गया।
क्यों खास है CMS-03 सैटेलाइट CMS-03 उपग्रह भारत की टेलीकॉम और इंटरनेट सेवाओं को नई ऊंचाई देगा। यह दूरदराज़ इलाकों तक संचार, इंटरनेट और प्रसारण सेवाएं पहुंचाने में मदद करेगा। यह मिशन न केवल तकनीकी रूप से अहम है, बल्कि यह भारत की आत्मनिर्भर स्पेस क्षमता का भी शानदार प्रदर्शन है।