कभी रात-रातभर रोती थीं जेमिमा रोड्रिग्स, अब वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में खेली ऐतिहासिक पारी,
टीम इंडिया की बनीं हीरो
2 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Jemimah Rodrigues: महज 18 साल की उम्र में इंटरनेशनल डेब्यू करने वाली जेमिमा रोड्रिग्स आज भारतीय महिला क्रिकेट का सबसे चमकता सितारा बन चुकी हैं। महिला वर्ल्ड कप 2025 के सेमीफाइनल में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐसी शतकीय पारी खेली, जिसने उन्हें इतिहास के पन्नों में अमर कर दिया। टीम इंडिया के सामने 339 रन का पहाड़ जैसा लक्ष्य था, लेकिन जेमिमा ने एक छोर संभालते हुए नाबाद 127 रन बनाए और टीम को 9 गेंद बाकी रहते जीत दिलाई। ये जीत सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि जेमिमा के संघर्ष और जज्बे की भी कहानी है।
संघर्ष से चमक तक का सफर जेमिमा के लिए क्रिकेट का रास्ता कभी आसान नहीं रहा। 2022 वर्ल्ड कप टीम में उन्हें जगह नहीं मिली थी, जिसके बाद वो मानसिक रूप से बेहद टूट गई थीं। उन्होंने खुद बताया कि उस दौर में वो रातों को रोती थीं और खुद पर सवाल करती थीं। लेकिन कुछ समय के मेंटल ब्रेक के बाद उन्होंने दोबारा वापसी की ठानी। मुंबई के लोकल कोच के साथ जमकर अभ्यास किया, कठिन गेंदबाजों का सामना किया और अपने अंदर फिर से आत्मविश्वास जगाया। इसी मेहनत का नतीजा है कि आज वो महिला क्रिकेट के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाजों में गिनी जाती हैं।
पिता कोच, मां सिंगर — परिवार ने दी ताकत जेमिमा का जन्म 5 सितंबर 2000 को मुंबई के बांद्रा में हुआ। उनके पिता इवान रोड्रिग्स स्कूल क्रिकेट टीम के कोच हैं और उन्होंने ही बेटी को शुरुआत से क्रिकेट सिखाया। मां लोरी रोड्रिग्स एक संगीत शिक्षिका हैं और जेमिमा खुद भी गिटार बजाना पसंद करती हैं। मैचों के बाद उन्हें अक्सर गिटार पर गाना गाते हुए देखा जाता है, लेकिन उनका असली प्यार हमेशा क्रिकेट ही रहा। 2018 में उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 18 साल की उम्र में डेब्यू किया था और तब उन्हें टीम की बेबी ऑफ द स्क्वाड कहा जाता था।
विदेशी लीगों ने बनाया आत्मविश्वासी बल्लेबाज जेमिमा के करियर को नई ऊंचाई विदेशी लीगों से मिली। इंग्लैंड की किया सुपर लीग (KSL) में उन्होंने 401 रन बनाए, औसत 57.28 और स्ट्राइक रेट 149.62 का रहा। इसके बाद उन्होंने The Hundred, ऑस्ट्रेलिया की Women’s Big Bash League और भारत की WPL में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया। इन लीगों ने उनके खेल को और निखारा और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आत्मविश्वास से भर दिया।
दबाव में खेली इतिहास रचने वाली पारी वर्ल्ड कप के इस टूर्नामेंट में जेमिमा की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी। पहले मैच में वो बिना खाता खोले आउट हो गई थीं और बीच में टीम से बाहर भी कर दी गईं। लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ वापसी के बाद उन्होंने लय पकड़ ली। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में वो दूसरे ओवर में ही क्रीज पर उतर गईं। 14 चौकों से सजी उनकी नाबाद 127 रनों की पारी ने भारत को 5 विकेट से ऐतिहासिक जीत दिलाई। स्मृति मंधाना और हरमनप्रीत कौर के साथ उनकी साझेदारियां इस मैच का टर्निंग पॉइंट रहीं।