झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ पर 'निर्णायक आंदोलन' का ऐलान,
30 जून से शुरू होगा विरोध
4 days ago
Written By: विनय के.सिंह
Bangladeshi Infiltration In Jharkhand: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता चंपई सोरेन ने राज्य में आदिवासियों के धार्मिक रूपांतरण और बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ एक 'निर्णायक आंदोलन' शुरू करने की घोषणा की है। यह अभियान 'हूल दिवस' (क्रांति दिवस) के अवसर पर 30 जून को संथाल परगना से शुरू किया जाएगा। यह बात चंपई सोरेन ने पत्रकारों से कही।
बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ 30 जून से शुरू होगा आंदोलन
चंपई सोरेन ने कहा कि यह आंदोलन आदिवासी और धार्मिक नेताओं की उपस्थिति में, साथ ही हजारों समुदाय के सदस्यों के बीच शुरू किया जाएगा। वह सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक हैं। उन्होंने कहा, "हम आदिवासियों के धार्मिक रूपांतरण और बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ निर्णायक आंदोलन शुरू करेंगे।"
जमीनों पर कब्जा और धर्म परिवर्तन पर रोक जरूरी
सोरेन ने बांग्लादेशी घुसपैठियों पर आरोप लगाते हुए कहा, "बांग्लादेशी घुसपैठियों ने पाकुड़, साहिबगंज और दुमका जैसे जिलों में हमारी जमीनों पर कब्जा कर लिया है। वे हमारी बेटियों को अपने जाल में फंसा रहे हैं या धमकाकर उनसे शादी करने के लिए मजबूर कर रहे हैं।" उन्होंने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा और इससे कोई समझौता नहीं किया जाएगा। चंपई सोरेन ने आदिवासी आंदोलनों के महान नेताओं जैसे बाबा तिलका मांझी, सिद्धो-कान्हू, बिरसा मुंडा और ताना भगत के योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "इन महान नेताओं ने अपने प्राणों की आहुति दी थी, और हम उनके मार्ग पर चलकर अपने अस्तित्व और आत्म सम्मान के लिए किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे।"