दिमाग खाने वाले अमीबा से केरल में 19 मौतें,
विपक्ष बोला– सरकार छुपा रही है सच
1 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Kerala News: केरल विधानसभा में विपक्ष ने दिमाग खाने वाले अमीबा यानी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। विपक्ष का आरोप है कि राज्य सरकार इस बीमारी को फैलने से रोकने में विफल रही है और असली आंकड़े छुपा रही है। इस विवाद के चलते विपक्षी दलों ने विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया। चर्चा के दौरान आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा और स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर सवाल उठाए गए।
विपक्ष का आरोप: सरकार छुपा रही है मौत और संक्रमण के आंकड़े यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) विधायक एन. शम्सुद्दीन ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री और उनका विभाग असली आंकड़े सामने नहीं ला रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे कई लोग हैं जिनकी जान नहाने के बाद चली गई और इसे छिपा लिया गया। विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने भी सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि 2016 में पहला मामला सामने आया था, लेकिन सरकार अब भी सही जानकारी देने से बच रही है।
दुनिया की सारी बीमारियां केरल में क्यों सतीशन ने आंकड़े साझा करते हुए दावा किया कि केरल में अब तक 120 से ज्यादा मामले सामने आए हैं, जिनमें से 68 केवल इस साल दर्ज हुए हैं। इनमें से 19 लोगों की मौत हो चुकी है और पिछले 15 दिनों में ही आठ मौतें हुई हैं। उन्होंने कहा कि इसके इलाज के लिए कोई तय प्रोटोकॉल नहीं है और जनता को जागरूक करने के लिए भी कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं हैं। विपक्ष का कहना है कि कोविड के बाद से केरल में मृत्यु दर बढ़ी है और स्वास्थ्य विभाग के पास सही विश्लेषण ही नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्री का जवाब: जांच और इलाज की व्यवस्था की गई विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि यह संक्रमण पानी के स्रोतों से फैलता है और बहुत ही दुर्लभ मामलों में इंसानों को प्रभावित करता है। वीना जॉर्ज ने बताया कि इस बीमारी की पहचान के लिए अब केरल की माइक्रोबायोलॉजी लैब में पीसीआर टेस्ट की सुविधा उपलब्ध है। पहले यह जांच केवल चंडीगढ़ और पांडिचेरी में होती थी। उन्होंने दावा किया कि केरल देश का पहला राज्य है जिसने अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस के इलाज के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश बनाए हैं।