सिर्फ टोकरी, कप और रस्सी… खंडवा के 15 साल के जादूगर ने सड़क को बना दिया अपना स्टेज,
हर दिन करता है कमाल, जादू देख लोग हुए हैरान
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Hairan Pareshan News: मध्य प्रदेश के खंडवा की गलियों में इन दिनों एक नन्हा जादूगर सबका दिल जीत रहा है। सिर्फ 15 साल का ऋतिक मदारी अपने जादुई करतबों से लोगों को चौंका रहा है। रस्सी, कप-गेंद और टोकरी जैसे छोटे-छोटे जादू के सामान से वह ऐसी ट्रिक्स करता है कि देखने वाला कुछ पल के लिए सब भूल जाता है। खास बात ये है कि ऋतिक की यह कला कोई तुक्का नहीं, बल्कि उसके परिवार की एक विरासत है, जिसे अब वह पूरे आत्मविश्वास के साथ निभा रहा है।
पारिवारिक विरासत से मिली जादू की कला
ऋतिक का जन्म एक जादूगर परिवार में हुआ। उसके दादा और पिता दोनों ही पेशेवर जादूगर रह चुके हैं। आठ साल की उम्र में ऋतिक ने अपने पिता से पहली जादू की ट्रिक सीखी हवा में रस्सी को लहराकर गायब करना। लेकिन पिता ने सिर्फ ट्रिक ही नहीं सिखाई, बल्कि यह भी बताया कि जादू का असली मकसद लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाना होता है।
हर दिन का संघर्ष और मेहनत
ऋतिक हर सुबह अपने थैले में जादू का सामान भरकर घर से निकलता है। कहीं सड़क किनारे, तो कहीं बाजारों में अपना शो करता है। रोजाना 4 से 5 शो करता है, जिससे 700 से 1000 रुपये की कमाई हो जाती है। उसका सबसे चौंकाने वाला जादू है टोकरी ट्रिक, जिसमें वह खुद को पलक झपकते ही गायब कर देता है। बच्चे तो उसके दीवाने हो चुके हैं।
राजस्थान से लेकर एमपी तक की पहचान
ऋतिक का परिवार मूल रूप से राजस्थान से है। लेकिन आज वो मध्य प्रदेश, गुजरात और कई अन्य राज्यों में भी अपनी जादूगरी का प्रदर्शन कर चुका है। उसकी उम्र भले ही छोटी है, लेकिन उसका अनुभव और हुनर किसी बुज़ुर्ग कलाकार से कम नहीं। ऋतिक का सपना है कि वो एक दिन टीवी पर, बड़े मंचों पर जादू दिखाए। वह कहता है कि मैं अपने पापा और भाई से भी बड़ा जादूगर बनना चाहता हूं। उसकी लगन और मेहनत देखकर लगता है कि उसका सपना जल्द ही पूरा होगा।
प्रेरणा बना खंडवा का ऋतिक
आज खंडवा में ऋतिक सिर्फ एक बच्चा नहीं, बल्कि प्रेरणा बन चुका है। बच्चे उसके शो का इंतजार करते हैं और बड़े उसे मेहनत और हौसले की मिसाल मानते हैं। उसकी कहानी बताती है कि अगर जुनून हो तो छोटी उम्र भी बड़ी ऊंचाई छू सकती है। ऋतिक सच में एक चलती-फिरती प्रेरणा है हुनर, मेहनत और उम्मीद की मिसाल।