'खूनी संडे': एक दिन, तीन तबाहियां और देशभर में पसरा मातम,
तीन राज्यों में तीन बड़े हादसे, 40 से अधिक जिंदगियां तबाह
2 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
रविवार का दिन आमतौर पर सुकून, आराम और परिवार के साथ समय बिताने के लिये खास माना जाता है। लेकिन 15 जून 2025 का रविवार, भारत के लिए ऐसा ज़ख़्म बन गया जिसे शब्दों में बयां कर करना मुश्किल हो रहा है। आज सुबह से शाम तक देश के तीन अलग-अलग हिस्सों से आईं दर्दनाक खबरों ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। भारत में आज कहीं पुल टूटा और लोग नदी में समा गए, तो कहीं घरों के मलबे में ज़िंदगी दम तोड़ गई, तो कहीं आसमान से गिरा हेलिकॉप्टर लोगों को असमय ले गया। आज का यह दिन एक ऐसे ‘खूनी संडे’ में बदल गया, जिसने दर्जनों परिवारों की खुशियां छीन लीं।
केदारनाथ में श्रद्धालुओं से भरा हेलिकॉप्टर क्रैश
उत्तरखंड के केदारनाथ से सबसे पहली सनसनीखेज खबर आई जिसने सबकी रूहों को कंपा रख दिया। दरअसल, उत्तराखंड के केदारनाथ में श्रद्धालुओं को लेकर जा रहा एक हेलिकॉप्टर गौरीकुंड के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें कुल सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। फिलहाल हादसे की वजह खराब मौसम बताई जा रही है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर दुख जताते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
मथुरा में भरभरा कर गिरे दो मकान, मलबे में दबे लोग
वहीं, उत्तर प्रदेश के मथुरा के गोविंद नगर इलाके से दिन की दूसरी और एक बेहद दर्दनाक खबर आई, जहां पुराने मकानों के गिरने से अफरातफरी मच गई। दो जर्जर इमारतें अचानक भरभराकर गिरीं और उनमें मौजूद 10 लोग मलबे में दब गए। जिसके बाद वहां चारों ओर चीख-पुकार मच गई। परिवार के लोग अपने ही घर की ईंटों के नीचे अपनों को तलाशते रहे। जिसके बाद मौके पर पहुंचा बचाव दल हर संभव कोशिश करता रहा, लेकिन जैसे-जैसे मलबा हटता गया, ज़िंदगियां खत्म होती गईं। इस घटना में अब तक 3 लोगों की मौत की खबर आ रही है तथा 4 लोगों को मलबे से बाहर निकाला जा चुका है।
पुणे में टूटा पुल, बह गए पर्यटक
वहीं, महाराष्ट्र के पुणे से भी एक सनसनीखेज खबर आई, जहां इंद्रायणी नदी पर बना पुराना पुल अचानक भरभराकर गिर गया। बताया जा रहा है कि इस हादसे के वक्त पुल पर कई पर्यटक खड़े थे और हादसे से एक पल पहले तक जो लोग ठंडी हवा और बहती नदी का आनंद ले रहे थे, वे अगले ही पल उसी नदी की गहराइयों में समा गए। स्थानीय प्रशासन के मुताबिक इस हादसे में लगभग 30 लोगों के डूबने की आशंका है। वहीं, घटना की सूचना के बाद एनडीआरएफ की टीम मौके पर है, रेस्क्यू जारी है, लेकिन कई परिवारों की उम्मीदें अब भी अधर में हैं।
लापरवाही या हादसा? तीनों घटनाएं उठाती हैं गंभीर सवाल
भारत में आज तीन राज्यों महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से आई इन घटनाओं ने पूरे देश को गहरे शोक में डुबो दिया है। अब सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या ये त्रासदियां रोकी जा सकती थीं? क्या समय रहते पुल की मरम्मत नहीं की जा सकती थी? या फिर क्या जर्जर मकानों को पहले ही खाली नहीं कराया जा सकता था? क्या खराब मौसम में उड़ानों पर रोक नहीं लगनी चाहिए थी? दरअसल आज का यह ‘खूनी संडे’ हमारे जीवन में न सिर्फ एक डरावनी तारीख बन गया है, बल्कि एक चेतावनी भी बन गया है कि, जहां लापरवाही, नजरअंदाजी और ढीली व्यवस्था होती है, वहां सिर्फ हादसे नहीं होते, वहां इंसान मरते हैं, घर उजड़ते हैं, और देश शोक में डूब जाता है।