600 से ज्यादा हिरासत, बेटा भी गिरफ्तार…
कुलगाम के पिता ने बेबसी में कर लिया ऐसा काम कि मच गई सनसनी
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले से एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां एक व्यक्ति ने अपने बेटे से मिलने की अनुमति न मिलने पर खुद को आग लगा ली। पीड़ित का नाम बिलाल अहमद वानी है, जो ड्राई फ्रूट बेचने का काम करते हैं। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक बिलाल अपने हिरासत में लिए गए बेटे को देखने के लिए कई बार अधिकारियों से गुहार लगा चुके थे, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया। इसी के बाद रविवार 16 नवंबर को उन्होंने हताश होकर खुद को आग लगा ली। इस घटना ने पूरे इलाके में चिंता और गुस्सा पैदा कर दिया है।
गंभीर रूप से झुलसे बिलाल का इलाज जारी अधिकारियों के अनुसार, आग लगाने के बाद बिलाल अहमद वानी गंभीर रूप से झुलस गए। उन्हें तुरंत अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों का कहना है कि इलाज के बाद उनकी हालत में कुछ सुधार हो रहा है, लेकिन अभी भी स्थिति नाजुक बनी हुई है।
ब्लास्ट के बाद 600 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि 10 नवंबर को नई दिल्ली के लाल किले के पास हुए ब्लास्ट में 13 लोगों की मौत के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कार्रवाई की थी। इस दौरान 600 से अधिक स्थानीय लोगों को हिरासत में लिया गया। इन्हीं में बिलाल अहमद वानी का बेटा भी शामिल बताया जा रहा है। बिलाल अपने दो बेटों के साथ अदील राठेर नाम के एक मेडिकल डॉक्टर के घर के पास रहते हैं। 6 नवंबर को डॉ. अदील को एक कथित अंतर-राज्यीय आतंकी मॉड्यूल मामले में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने अनंतनाग मेडिकल कॉलेज में उनके लॉकर से एक राइफल बरामद की। उनके भाई डॉ. मुजफ्फर राठेर भी इस मामले में आरोपी हैं और बताया जा रहा है कि वे शुरुआत में दुबई चले गए थे।
महबूबा मुफ्ती ने उठाए सवाल, पुलिस से की अपील पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने बिलाल की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि एक दुखी पिता को अपने बेटे जसीर बिलाल और भाई नवीद वानी से मिलने का मौका तक नहीं दिया गया। मुफ्ती ने कहा कि बिलाल ने अधिकारियों से बार-बार गुजारिश की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि बिलाल को अब श्रीनगर के महाराजा हरि सिंह अस्पताल में रेफर किया गया है और उनकी हालत गंभीर है। उन्होंने पुलिस से अपील की है कि परिवार को हिरासत में लिए गए सदस्यों से मिलने दिया जाए। फिलहाल जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस मामले में कोई बयान जारी नहीं किया है।