तीन साल से भारत में छिपे थे लश्कर आतंकी,
पहलगाम हमले के गुनहगार ऑपरेशन महादेव में ढेर, ऐसे हुए थें ट्रैक
2 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Operation Mahadev: जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ जारी अभियान में सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली है। श्रीनगर के पास महादेव चोटी के नजदीक हाल ही में मारे गए तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों के बारे में चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ये आतंकी 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय नागरिक की बेरहमी से हत्या के लिए जिम्मेदार थे। इन आतंकियों को पाकिस्तान की एजेंसियों ने TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट) नाम के मुखौटा संगठन के तहत छिपा रखा था। अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने भी बाद में इस संगठन को आतंकवादी करार दे दिया।
तीन साल से कर रहे थे तैयारी
सुरक्षा एजेंसियों की जांच में सामने आया है कि ये तीनों आतंकी सुलेमान उर्फ फैजल जट्ट, हमजा अफगानी और जिबरान करीब तीन साल पहले ही पाकिस्तान से भारत में घुसपैठ कर चुके थे। इस दौरान उन्होंने दाचीगाम और आसपास के जंगलों में छिपकर पूरी तैयारी की। 28 जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने से पहले इन आतंकियों ने बड़े हमलों की साजिशें रचीं।
अलग-अलग ग्रुप में बंटे थे आतंकी
रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल इन आतंकियों ने खुद को दो अलग ग्रुप में बांट लिया था। एक ग्रुप की कमान सुलेमान ने संभाली और दूसरा ग्रुप पाकिस्तानी आतंकी मूसा के नेतृत्व में काम कर रहा था। सुलेमान के साथ लश्कर के कई नए घुसपैठिये भी जुड़े हुए थे, जो कश्मीर घाटी में सक्रिय थे। सुलेमान गांदरबल के गगनगीर में एक निर्माण स्थल पर हमले में भी शामिल था, जिसमें सात मजदूर मारे गए थे। 22 अप्रैल को हुई पहलगाम की घटना के बाद ये आतंकी दाचीगाम जंगलों में छिप गए थे। यह इलाका श्रीनगर शहर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर है और काफी दुर्गम माना जाता है।
सुरक्षा बलों ने की रणनीतिक घेराबंदी
सुरक्षा बलों ने 22 मई से इन आतंकियों के अल्ट्रा हाई फ्रीक्वेंसी वायरलेस सिग्नल पकड़ना शुरू कर दिया था, जिससे उनकी मौजूदगी का अंदाजा लगा। हालांकि सिग्नल डिकोड नहीं हो सके, लेकिन 22 जुलाई को इनकी लोकेशन पक्की होते ही सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने ऑपरेशन महादेव चलाकर इन्हें ढेर कर दिया। इससे पहले सुरंगों को पानी से भरकर इनकी सीमा पार वापसी की संभावना भी खत्म कर दी गई थी।
जम्मू क्षेत्र में भी सक्रिय हैं आतंकी
रिपोर्टों के अनुसार 2021 से अब तक करीब 20 से 25 आतंकी पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कर चुके हैं। इनमें से एक ग्रुप जम्मू क्षेत्र में सक्रिय है, जिसने हाल के महीनों में कई घटनाओं को अंजाम दिया है। यह इलाका लंबे समय से बड़े आतंकी हमलों से अछूता रहा था, लेकिन अब वहां भी खतरा बढ़ गया है।