20 साल से फरार और 26 हमलों का दोषी…
एक करोड़ का इनामी हिडमा और उसकी पत्नी एनकाउंटर में हुए ढेर
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा पर सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच बड़ा मुकाबला हुआ है। जंगल इलाके में चले इस ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने न सिर्फ मुठभेड़ का जवाब दिया, बल्कि लंबे समय से वांछित शीर्ष नक्सली कमांडर मादवी हिडमा और उसकी पत्नी को मार गिराया। दोनों को गोली लगने से मौत हो गई। हिडमा पिछले दो दशकों से सुरक्षा एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ था। वह कई बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड था और उस पर एक करोड़ रुपये का इनाम भी घोषित था। उसकी मौत को माओवादी संगठन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
बॉर्डर पर चला सुरक्षाबलों का सर्च ऑपरेशन मुठभेड़ आंध्र प्रदेश के अल्लूरी जिले और छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले की सीमा पर हुई। सुरक्षाबलों के पास जानकारी थी कि नक्सलियों की गतिविधि इस इलाके में बढ़ गई है। इसी इनपुट के आधार पर जंगल में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। इसी दौरान नक्सलियों ने अचानक फायरिंग कर दी, जिसके जवाब में सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाला। मादवी हिडमा और उसकी पत्नी इसी फायरिंग में ढेर हो गए।
20 साल से सुरक्षा बलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती था हिडमा 43 वर्षीय मादवी हिडमा PLGA की बटालियन नंबर 1 का प्रमुख था। वह सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय समिति का सबसे कम उम्र का सदस्य भी रहा। उसकी रणनीतिक क्षमता और जंगलों में गुरिल्ला युद्ध की समझ उसे संगठन का सबसे खतरनाक चेहरा बनाती थी। हिडमा का जन्म 1981 में सुकमा के पुवर्ती इलाके में हुआ था। कम उम्र में ही वह माओवादियों से जुड़ गया और धीरे-धीरे बड़ा कमांडर बन गया।
दरभा घाटी नरसंहार और 26 बड़े हमलों का मास्टरमाइंड हिडमा 2013 के दरभा घाटी नरसंहार का मुख्य साजिशकर्ता था, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं सहित 27 लोग मारे गए थे। 2017 में सुकमा में CRPF पर हुए घातक हमले में भी उसका बड़ा रोल था, जिसमें 25 जवान शहीद हुए थे। उसने कम से कम 26 बड़े नक्सली हमलों की योजना बनाई और अंजाम दिया। उसके सिर पर एक करोड़ रुपये का इनाम था।
पत्नी भी सक्रिय नक्सली, ऑपरेशन में दोनों मारे गए सुरक्षाबलों को लंबे समय से हिडमा की गतिविधियों के बारे में इनपुट मिलता रहा था। ताजा गुप्त जानकारी पर जंगल में ऑपरेशन शुरू किया गया। जवाबी कार्रवाई में हिडमा और उसकी पत्नी दोनों मारे गए। उसकी पत्नी भी कई नक्सली ऑपरेशनों में शामिल रहती थी और महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थी।
हिडमा की मौत से माओवादियों को बड़ा झटका सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि हिडमा की मौत से दक्षिण बस्तर के नक्सली नेटवर्क पर बड़ा असर पड़ेगा। वह संगठन की रणनीति, भर्ती और नेतृत्व का मुख्य चेहरा था। उसकी मौत से माओवादी गतिविधियों को रोकने में सुरक्षा बलों को और बढ़त मिलेगी।