कांग्रेस की सिफारिश से BJP को मिला हथियार, BMC चुनाव में घिरी राहुल गांधी की पार्टी,
शिवाजी के नाम पर सियासी संग्राम
7 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों से पहले भाजपा को बैठे-बिठाए एक बड़ा मुद्दा मिल गया है। यह मुद्दा किसी और ने नहीं, बल्कि कांग्रेस ने खुद अपने कदमों से दे दिया है। दरअसल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बेंगलुरु के शिवाजीनगर मेट्रो स्टेशन का नाम सेंट मैरी रखने की सिफारिश की है। इस सिफारिश के सामने आते ही विवाद खड़ा हो गया। महाराष्ट्र में इसे छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान बताया जा रहा है। भाजपा ने इस पर तुरंत आक्रामक रुख अपनाया और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मामले को हाथों-हाथ लिया। बीएमसी चुनावों से ठीक पहले यह विवाद कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन गया है।
विवाद की शुरुआत कैसे हुई
यह विवाद 8 सितंबर को बेंगलुरु के सेंट मैरी बेसिलिका उत्सव के दौरान शुरू हुआ। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार को शिवाजीनगर मेट्रो स्टेशन का नाम सेंट मैरी रखने की सिफारिश भेजी है। यह प्रस्ताव कांग्रेस विधायक रिजवान अरशद की मांग पर किया गया था, ताकि इलाके के ऐतिहासिक चर्च को सम्मान दिया जा सके। लेकिन भाजपा ने इसे तुरंत शिवाजी महाराज का अपमान करार दिया। फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस का तुष्टिकरण नेहरू के समय से चला आ रहा है और उन्होंने भगवान से प्रार्थना की कि सिद्धारमैया को सद्बुद्धि दें।
भाजपा का आक्रामक रुख और शिवसेना (UBT) की मुश्किल
कर्नाटक भाजपा नेता चालवाड़ी नारायण स्वामी ने सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस शिवाजीनगर का नाम मिटाना चाहती है? महाराष्ट्र भाजपा की नेता चित्रा वाघ ने कांग्रेस पर शिवाजी महाराज से नफरत का आरोप लगाया और स्पष्टीकरण मांगा। यह मुद्दा भाजपा के लिए BMC चुनावों का बड़ा हथियार बन सकता है। खासतौर पर इसलिए क्योंकि शिवसेना (UBT), जो कांग्रेस की सहयोगी है, भी बैकफुट पर आ गई है। शिवाजी महाराज का नाम हमेशा मराठा अस्मिता और हिंदुत्व की राजनीति से जुड़ा रहा है। यही वजह है कि भाजपा और एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रहे हैं।
कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी पर दबाव
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह विवाद कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का ठप्पा लगाने का काम करेगा। बीएमसी चुनाव में मराठा वोटरों की बड़ी संख्या देखते हुए यह महाविकास अघाड़ी (MVA) के लिए मुश्किल साबित हो सकता है। वहीं, कांग्रेस इस विवाद में उलझ गई है और उसे अब अपनी स्थिति साफ करनी होगी। अगर MVA ने एकजुट होकर रुख नहीं अपनाया तो भाजपा इसे ‘राष्ट्रीय अपमान’ का मुद्दा बना सकती है।
शिवसेना (UBT) की सफाई और राजनीतिक नोकझोंक
हालांकि शिवसेना (UBT) ने कांग्रेस का बचाव किया है और कहा है कि वह सिद्धारमैया को पत्र लिखेगी, जिसमें स्टेशन का नाम छत्रपति शिवाजी रखने की मांग की जाएगी। पार्टी प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि जनता की भावनाओं का सम्मान होना चाहिए और भाजपा को राजनीति से बचना चाहिए। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अरब सागर में शिवाजी की मूर्ति का काम अब तक अधूरा है, तो भाजपा को शिवाजी पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है।