मोकामा हत्याकांड में बड़ी कार्रवाई: सरेंडर करने ही वाले थे अनंत सिंह, तभी पहुंची पुलिस…
देखिए कैसे हुई रातों-रात गिरफ्तारी
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
पटना पुलिस ने मोकामा के चर्चित दुलारचंद यादव हत्याकांड में बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व विधायक और जेडीयू उम्मीदवार अनंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी शनिवार रात बाढ़ के कारगिल मार्केट इलाके से की गई। पुलिस को पहले जानकारी मिली थी कि अनंत सिंह जल्द सरेंडर कर सकते हैं, लेकिन इससे पहले ही एसएसपी कार्तिकेय शर्मा के नेतृत्व में 150 से अधिक पुलिसकर्मियों की टीम ने उन्हें पकड़ लिया। गिरफ्तारी के तुरंत बाद उन्हें पटना ले जाया गया और देर रात जेल में शिफ्ट कर दिया गया। रविवार सुबह उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा।
बिना हंगामे के हुई गिरफ्तारी जब पुलिस दल अनंत सिंह को गिरफ्तार करने पहुंचा, तब वे पहले से ही तैयार बैठे थे। पुलिस के पहुंचते ही वे शांति से सफेद स्कॉर्पियो में बैठकर टीम के साथ रवाना हो गए। मौके पर किसी समर्थक ने कोई विरोध या हंगामा नहीं किया। मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या के बाद इलाके में तनाव का माहौल था, इसलिए पुलिस ने किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए रात के समय ही गिरफ्तारी की।
तीन एफआईआर दर्ज, माहौल बिगड़ने की आशंका दुलारचंद यादव के पोते ने इस हत्याकांड में अनंत सिंह सहित चार लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके अलावा जनसुराज पार्टी के प्रत्याशी पियूष प्रियदर्शी ने छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने अपनी जांच के आधार पर तीसरी एफआईआर भी दर्ज की। घटना के बाद प्रशासन ने तीनों उम्मीदवारों अनंत सिंह, राजद की वीणा देवी और पियूष प्रियदर्शी को अतिरिक्त सुरक्षा दी है।
चुनाव आयोग के दबाव में हुई कार्रवाई सूत्रों के अनुसार, अनंत सिंह की गिरफ्तारी चुनाव आयोग के निर्देश पर की गई। इस मामले में अनंत सिंह के साथ 21 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। आयोग ने गंभीरता दिखाते हुए भदौर और घोसवरी थाने के थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया है। इलाके में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
एसपी समेत चार अफसरों का तबादला निर्वाचन आयोग ने इस पूरे मामले में बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक (एसपी) सहित चार अधिकारियों का तबादला और एक अधिकारी को निलंबित कर दिया है। आयोग ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दुलारचंद हत्याकांड ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी थी, जिसके बाद से ही राजनीतिक माहौल गरम है। विपक्ष लगातार सरकार और प्रशासन पर सवाल उठा रहा है।