भारत लाया जा रहा 26/11 हमले का आरोपी तहव्वुर राणा, NIA की टीम अमेरिका पहुंची,
राणा पर भारत का शिकंजा
21 days ago
Written By: NEWS DESK
नई दिल्ली: पूरे देश को झकझोर कर रख देने वाले 2008 में मुंबई पर हुए 26/11 आतंकी हमलों में संलिप्तता के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को आज भारत लाया जा रहा है। अमेरिका में लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की प्रत्यर्पण पर रोक लगाने वाली याचिका खारिज कर दी, जिससे भारत की जांच एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जांच एजेंसी NIA और खुफिया एजेंसी RAW की एक संयुक्त टीम तहव्वुर के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिका में मौजूद है। प्रत्यर्पण की सभी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई है।
कौन है तहव्वुर राणा?
64 वर्षीय तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। वह पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर रह चुका है और बाद में कनाडा जाकर इमिग्रेशन कंसल्टेंसी का कारोबार करने लगा। अमेरिका में भी उसने फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम से फर्म शुरू की थी। अमेरिकी कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, राणा कई बार कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड भी गया था। वह लगभग 7 भाषाएं बोल सकता है।
मुंबई हमले में भूमिका…
NIA की चार्जशीट के अनुसार, राणा लश्कर-ए-तैयबा और ISI से जुड़ा था। उसने 2008 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली को भारत में फर्जी ऑफिस खोलने में मदद की थी। हेडली ने इसी ऑफिस की आड़ में भारत में रेकी की और उन स्थानों को चिह्नित किया जहाँ आतंकी हमला किया गया — जैसे ताज होटल और CST स्टेशन। दरअसल यह ऑफिस उसने अपनी आतंकी गतिविधियों को छुपाने के लिए खोला था। हेडली ने इमिग्रेशन कंसल्टेंसी के जरिए भारत घूमना और उन लोकेशन को ढूंढना शुरू किया, जहां लश्कर-ए-तैयबा आतंकी हमला कर सकता था। उसने मुंबई में ताज होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस की रेकी की। बाद में यहीं पर हमले भी हुए।
अमेरिकी अदालत में कार्रवाई…
राणा को अक्टूबर 2009 में FBI ने शिकागो एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। उस पर लश्कर को समर्थन देने और डेनमार्क के एक अखबार पर हमले की साजिश रचने का भी आरोप था। 2011 में उसे दोषी करार देकर 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
अमेरिकी सरकार ने मानी संलिप्तता…
इस पूरे मामले में अमेरिकी सरकार ने राणा की संलिप्तता स्वीकार की है। यहाँ अमेरिकी सरकार का कहना है कि मामले के एक और आरोपी ‘हेडली’ ने बताया है कि राणा ने एक शख्स को आदेश दिया कि वो हेडली के लिए मुंबई में फर्स्ट वर्ल्ड ऑफिस खोलने से जुड़ी फर्जी कहानी को सच दिखाने वाले डॉक्यूमेंट्स बनाए। राणा ने ही हेडली को सलाह दी कि भारत विजिट करने के लिए वीजा कैसे हासिल करना है। ये सारी बातें ईमेल और अन्य दस्तावेजों से प्रमाणित हुई हैं।
प्रत्यर्पण को मंजूरी…
दरअसल भारत सरकार पहले से ही राणा पर शिकंजा कसने की कोशिश कर रही थी, जिसके तहत 2019 में राणा के प्रत्यर्पण की मांग की गई थी। इसके बाद 2020 में बाइडेन प्रशासन ने इसका समर्थन किया। अमेरिकी अदालतों में राणा ने कई बार याचिकाएं दायर कीं, जिनमें उसने स्वास्थ्य (पार्किंसन बीमारी) और प्रताड़ना के खतरे का हवाला दिया, लेकिन सभी याचिकाएं खारिज कर दी गईं। जनवरी 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम रूप से प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी है।
2008 में हुआ था हमला…
दरअसल 26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमले किए। ये हमले चार दिनों तक चले। इन हमलों में कुल 175 लोग मारे गए, जिनमें 9 हमलावर भी शामिल थे, और 300 से अधिक लोग घायल हुए। इस दौरान एक जांबाज़ सिपाही तुकाराम की बहादुरी के चलते गोलियां बरसा रहे आतंकी अजमल कसाब को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिससे जांच में कड़ियों को खोलने में मदद मिली थी। इस हमले में कसाब को पकड़ते हुए तुकाराम शहीद हो गए थे।