Muslim Businessmen in India: भारत के पांच मुस्लिम उद्योगपति,
जानिए कैसे कारोबार से समाज तक रचा नया इतिहास
6 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Muslim Businessmen in India : भारत की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में हर समुदाय का अहम योगदान रहा है। मुस्लिम समुदाय के कई उद्यमियों ने न सिर्फ अपने कारोबार को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया, बल्कि समाज के हजारों-लाखों लोगों के जीवन में भी सुधार किया। उनकी सफलता केवल पैसों या मुनाफे तक सीमित नहीं रही, बल्कि दूरदर्शिता, मेहनत और इंसानियत की शक्ति पर आधारित रही। हिमालय वेलनेस से लेकर विप्रो लिमिटेड तक, ये नाम आज भारतीय उद्यमिता और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रतीक बन चुके हैं।
हिमालय वेलनेस: परंपरा और आधुनिकता का संगम मेराज मनाल ने अपने दादा की 1930 में शुरू की गई कंपनी हिमालय वेलनेस को वैश्विक पहचान दिलाई। उनके नेतृत्व में कंपनी ने आयुर्वेदिक उत्पादों को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ा और दुनिया भर में लोकप्रिय बनाया। लिव.52 और नीम फेस वॉश जैसे प्रोडक्ट आज 100 से ज्यादा देशों में बिकते हैं। मेराज मनाल ने दिखाया कि परंपरागत ज्ञान और आधुनिक दृष्टिकोण का संगम व्यापार और समाज दोनों में सफलता दिला सकता है। उनकी कुल संपत्ति लगभग 2.9 बिलियन डॉलर (23,000 करोड़ रुपये) है।
मेट्रो ब्रांड्स: फुटवियर का सोल किंग रफीक मलिक ने मेट्रो ब्रांड्स लिमिटेड के जरिए फुटवियर इंडस्ट्री में क्रांति ला दी। मेट्रो शूज, मोची और वॉकवे जैसे ब्रांड्स देशभर में लोकप्रिय हैं। कंपनी के 700 से अधिक स्टोर हैं और मार्केट कैपिटलाइजेशन 23,000 करोड़ रुपये से ऊपर है। ग्राहकों की जरूरत को समझने और हर वर्ग के लिए विकल्प उपलब्ध कराने की उनकी सोच ने उन्हें भारतीय फुटवियर इंडस्ट्री का सोल किंग बना दिया। उनकी संपत्ति 7.4 बिलियन डॉलर (65,150 करोड़ रुपये) आंकी गई है।
लुलु ग्रुप: रिटेल इंडस्ट्री का नया चेहरा केरल के एम.ए. यूसुफ अली ने लुलु ग्रुप इंटरनेशनल के जरिए भारत और खाड़ी देशों में रिटेल सेक्टर को नया आयाम दिया। उनके हाइपरमार्केट्स और मॉल्स आज अरब देशों और एशिया में सबसे बड़े रिटेल चेन में शामिल हैं। भारत में लखनऊ और केरल में बने लुलु मॉल्स ने रोजगार और व्यावसायिक अवसरों को बढ़ाया। उनकी नेटवर्थ लगभग 2.6 बिलियन डॉलर (21,000 करोड़ रुपये) है।
सिप्ला: दवाओं को बनाया सस्ता और सुलभ यूसुफ ख्वाजा हामिद ने सिप्ला को गरीब और विकासशील देशों में स्वास्थ्य सुधार का आधार बना दिया। उनके नेतृत्व में कंपनी ने एचआईवी, एड्स और अस्थमा जैसी बीमारियों के लिए किफायती दवाएं उपलब्ध कराईं। उनके प्रयासों से लाखों लोगों की जिंदगी बदली। उनकी संपत्ति लगभग 12.2 बिलियन डॉलर (1 लाख करोड़ रुपये) है।
अजीम प्रेमजी: कारोबारी और समाजसेवी विप्रो लिमिटेड के अजीम प्रेमजी को भारतीय उद्यमिता और समाज सेवा का सबसे बड़ा चेहरा माना जाता है। उन्होंने एक छोटी तेल कंपनी को आईटी क्षेत्र की वैश्विक दिग्गज कंपनी में बदल दिया। उनकी दानवीरता उन्हें और अलग बनाती है। वे अब तक 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक समाज सुधार और शिक्षा के लिए दान कर चुके हैं। यह दिखाता है कि व्यापार का मकसद केवल लाभ कमाना नहीं, बल्कि समाज की सेवा करना भी है।