दिल्ली ब्लास्ट की जांच में NIA को बड़ी सफलता,
आतंकी दानिश के फोन से मिले ड्रोन हमलों के राज
5 days ago Written By: Ashwani Tiwari
दिल्ली के लाल किले के पास हुए ब्लास्ट की जांच में सुरक्षा एजेंसियों को बड़ा सुराग मिला है। 10 नवंबर 2025 को हुए इस धमाके में 15 लोगों की मौत हो गई थी और 20 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। अब इस मामले में गिरफ्तारी के बाद आतंकी जसीर बिलाल उर्फ दानिश के फोन की जांच से कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। NIA को उसकी डिलीट हिस्ट्री से ऐसे सबूत मिले हैं, जो देश में बड़े पैमाने पर ड्रोन हमलों की साजिश की ओर इशारा करते हैं। दानिश के फोन में हमास की तरह इस्तेमाल होने वाले ड्रोन के मॉडल, वीडियो और रॉकेट लॉन्चर की तस्वीरें मिली हैं, जिससे एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हो गई हैं।
फोन से मिले ड्रोन व रॉकेट लॉन्चर के फोटो NIA के अनुसार दानिश के मोबाइल की डिलीट हिस्ट्री से दर्जनों ड्रोन की तस्वीरें बरामद हुई हैं। इन तस्वीरों से अंदेशा है कि वह 25 किलोमीटर तक उड़ सकने वाले हल्के ड्रोन बनाने की तैयारी कर रहा था। इन ड्रोन का इस्तेमाल विस्फोटक ले जाने और हमला करने के लिए किया जाना था। फोन में रॉकेट लॉन्चर से जुड़ी कई तस्वीरें भी मिली हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि दानिश ड्रोन बम बनाने में माहिर था और उसने कई ऐसे वीडियो सेव कर रखे थे, जिनमें ड्रोन में विस्फोटक लगाने और बम बनाने की पूरी प्रक्रिया बताई गई है।
फॉरेन नंबर और खास ऐप से भेजे गए संदिग्ध वीडियो NIA को दानिश के फोन में कुछ संदिग्ध वीडियो भी मिले, जिन्हें एक विशेष ऐप के माध्यम से भेजा गया था। इनमें ड्रोन को हथियार में बदलने की विधियां बताई गई थीं। जांच में यह भी पता चला है कि इस ऐप से जुड़े कुछ विदेशी नंबर NIA की निगरानी में हैं। इससे संकेत मिलता है कि दानिश की गतिविधियों के पीछे अंतरराष्ट्रीय आतंकी मॉड्यूल सक्रिय था।
कौन है दानिश? दिल्ली ब्लास्ट का को-कॉन्स्पिरेटर
दानिश को दिल्ली ब्लास्ट का सह-षड्यंत्रकारी बताया जा रहा है। NIA ने उसे 17 नवंबर को जम्मू के अनंतनाग से गिरफ्तार किया था। दावों के अनुसार लाल किले पर हमला करने वाला डॉ. उमर दानिश को दिल्ली ब्लास्ट के लिए सुसाइड बॉम्बर के रूप में तैयार कर रहा था। काजीगुंड (अनंतनाग) का रहने वाला दानिश उमर को तकनीकी सहायता भी देता था।
व्हाइट कॉलर मॉड्यूल का नेटवर्क सक्रिय 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किले के पास कार में हुए विस्फोट में शामिल मॉड्यूल को व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल बताया जा रहा है। यह नेटवर्क जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवात-उल-हिंद जैसे पाकिस्तान-आधारित संगठनों से जुड़ा है, जो देश में हाई-टेक हमलों की साजिश रच रहे थे।