नारी शक्ति की मिसाल बनीं कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका,
जानिए कौन हैं ये जांबाज़ अफसर
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Colonel Sophia Qureshi and Wing Commander Vyomika Singh: 7 मई 2025 की तारीख इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है। ये तारीख हर भारतीयों के दिल में एक जज्बा बन के बस गया है। भारतीय सेना की दो वीर महिला अधिकारियों ने जब भारत के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लिया और इसकी जानकारी देने के लिए आगे आईं। बता दें कि इन दोनों अफसरों ने पाकिस्तान को उनकी औकात दिखाई और ऑपरेशन सिंदूर को कैसे अंजाम दिया गया वो बताया। ये दोनों वर्दीधारी महिलाएं जब मीडिया के सामने आई तो पूरे देश की आंखों का गर्व बन गईं। एक थी झांसी में तैनात रही कर्नल सोफिया कुरैशी और दूसरी लखनऊ की बेटी और हेलिकॉप्टर पायलट, विंग कमांडर व्योमिका सिंह। दोनों महिला अफसरों ने जब 'ऑपरेशन सिंदूर' की मीडिया ब्रीफिंग की तो पूरा देश न सिर्फ गौरव से भर गया, बल्कि हर लड़की को ये यकीन हुआ कि वो भी देश की रक्षा कर सकती है और वो भी सबसे आगे खड़े होकर। आइये आपको बताते हैं कौन हैं ये दोनों अफसर जो इस समय सुर्खियों में है।
कर्नल सोफिया कुरैशी का सेना में शानदार सफर
सबसे पहले बात करते हैं कर्नल सोफिया कुरैशी की गुजरात के वडोदरा में जन्मीं, बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएट सोफिया के दिल में हमेशा ही देश की सेवा का सपना था। 1999 में चेन्नई के ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से भारतीय सेना में शामिल हुईं। सोफिया के दादा आर्मी में थे, और अब उनके पति भी एक आर्मी ऑफिसर हैं। सिर्फ यही नहीं सोफिया वो पहली भारतीय महिला बनीं जिन्होंने मल्टीनेशनल मिलिट्री एक्सरसाइज 'ASIAN' को लीड किया। वो UN शांति मिशन का हिस्सा रहीं और पंजाब बॉर्डर पर 'ऑपरेशन पराक्रम' के दौरान मोर्चा भी संभाला।
व्योमिका का सपना नहीं, जुनून थी उड़ान
वही अब दूसरी तरफ बात करें विंग कमांडर व्योमिका सिंह की तो लखनऊ की इस बहादुर बेटी ने NCC से शुरुआत की और 2004 में इंडियन एयरफोर्स की फ्लाइंग ब्रांच जॉइन की। व्योमिका के लिए उड़ान सिर्फ एक सपना नहीं बल्कि जुनून था। चीता और चेतक जैसे बेहद तकनीकी और जोखिम भरे हेलिकॉप्टर्स को उड़ाना कोई आसान बात नहीं होती, लेकिन व्योमिका के लिए ये रोज़ का काम है। 2020 में जब अरुणाचल प्रदेश में बचाव अभियान हुआ, तो व्योमिका सबसे आगे थीं। 2021 में उन्होंने 21,650 फीट की ऊंचाई पर मौजूद माउंट मणिरंग पर चढ़ाई कर इतिहास रच दिया।
भारतीय सेना में 7,000 से ज्यादा महिलाएं
आपको बताते चलें कि 17 मार्च, 2023 को मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस के एक प्रेस नोट के मुताबिक आज भारत की सेना में महिलाओं की संख्या 7,000 से ज्यादा है। लेकिन ये सफर आसान नहीं था। 1992 से पहले महिलाओं को सेना में अफसर बनने का भी मौका नहीं मिलता था। 1992 में पहली बार महिलाओं को शॉर्ट सर्विस कमीशन के जरिए सेना में आने की इजाज़त मिली लेकिन फिर भी उन्हें परमानेंट कमीशन नहीं मिलता था। 2003 से 2020 तक एक लंबी कानूनी लड़ाई चली और आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि अब महिलाएं भी सेना में स्थायी कमीशन के लिए योग्य होंगी। आज, महिलाएं NDA, अग्निवीर योजना, शॉर्ट सर्विस कमीशन, ग्रेजुएट एंट्री स्कीम और मेडिकल ब्रांच जैसे रास्तों से भारतीय सेना का हिस्सा बन रही हैं। और ये सब मुमकिन हो सका है क्योंकि सोफिया और व्योमिका वीरांगनाओं ने आने वाली पीढ़ी को हौसला दिया है। ये दो नाम कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह आज सिर्फ सेना की पहचान नहीं हैं, बल्कि वो प्रतीक हैं उस नए भारत का जहां बेटी सिर्फ घर की नहीं सरहद की भी शान बन चुकी है।