ब्राह्मण कमा रहे तेल से अरबों, अमेरिका उठा रहा घाटा,
ट्रंप सहयोगी नवारो का विवादित बयान
18 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Peter Navarro: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व सहयोगी और व्हाइट हाउस के व्यापार मामलों के सलाहकार पीटर नवारो ने एक बार फिर भारत को लेकर विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने न सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाए, बल्कि भारतीय ब्राह्मणों पर रूस से तेल खरीदकर मुनाफाखोरी करने का आरोप भी लगाया। नवारो ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होते हुए भी रूस और चीन के करीब है, जिससे वैश्विक व्यवस्था को खतरा पैदा हो रहा है। उनकी यह टिप्पणी प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान आई है।
भारत पर टैरिफ और व्यापार को लेकर निशाना
फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में नवारो ने कहा कि भारत टैरिफ का महाराजा है। उनके मुताबिक भारत दुनिया में सबसे ज्यादा टैरिफ लगाता है और बड़े पैमाने पर अमेरिका को सामान निर्यात करता है। इसका सीधा नुकसान अमेरिकी मजदूरों और टैक्स देने वाले लोगों को होता है। उन्होंने दावा किया कि ट्रंप प्रशासन द्वारा भारतीय सामानों पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ सही थे और इससे भारत को कड़ा संदेश गया था।
ब्राह्मणों पर मुनाफाखोरी का आरोप
नवारो ने अपने बयान में भारतीय ब्राह्मणों पर रूस से तेल खरीदकर फायदा उठाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारत के लोग इस स्थिति को समझें क्योंकि कुछ खास वर्ग उनकी कीमत पर मुनाफा कमा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग की नजदीकी न सिर्फ अमेरिका बल्कि यूक्रेन और पूरी दुनिया के लिए खतरनाक है।
पहले भी भारत पर साध चुके हैं निशाना
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब नवारो ने भारत को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया है। इससे पहले भी उन्होंने आरोप लगाया था कि रूस-यूक्रेन युद्ध को भारत फंड कर रहा है। उनका कहना था कि भारत और रूस के बीच तेल व्यापार से होने वाला पैसा सीधे पुतिन के युद्ध कोष में पहुंचता है। नवारो ने यहां तक कह दिया था कि यह युद्ध वास्तव में मोदी का युद्ध है।
भारत के खिलाफ लगातार बयानबाजी
पीटर नवारो को ही ट्रंप प्रशासन के दौरान भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने का प्रमुख जिम्मेदार माना जाता है। अब एक बार फिर उन्होंने भारत को वैश्विक अस्थिरता का कारण बताने की कोशिश की है। हालांकि भारत सरकार की ओर से उनके ताजा बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी यह टिप्पणी विवाद का विषय बन गई है।