PM इंटर्नशिप स्कीम फेल… कंपनियों के लाखों ऑफर, पर युवाओं ने मुड़ लिया मुंह,
असली वजह जानकर चौक जाएंगे आप
4 days ago Written By: Ashwani Tiwari
देश में युवाओं को बड़ी कंपनियों में अनुभव दिलाने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री इंटर्नशिप स्कीम (PMIS) को अपेक्षित सफलता नहीं मिल रही है। संसद में पेश किए गए आंकड़ों से पता चला है कि कंपनियों द्वारा दिए गए 1.65 लाख इंटर्नशिप ऑफर में से सिर्फ 20 फीसदी युवाओं ने ही इन्हें स्वीकार किया। हैरानी की बात यह है कि जो युवा इंटर्नशिप शुरू भी कर पाए, उनमें से 20 फीसदी ने बीच में ही इसे छोड़ दिया। केंद्र सरकार के मुताबिक यह स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि यह स्कीम युवाओं को बड़े स्तर पर रोजगार कौशल देना चाहती है।
युवाओं ने स्वीकार किए सिर्फ 20% ऑफर लोकसभा में कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने बताया कि PM इंटर्नशिप स्कीम के पायलट प्रोजेक्ट के तहत कंपनियों ने दो चरणों में 1.65 लाख ऑफर दिए थे। लेकिन इनमें से केवल 33,000 युवाओं ने ही इंटर्नशिप ऑफर स्वीकार किए। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इनमें से भी 6,618 उम्मीदवारों ने इंटर्नशिप पूरी करने से पहले ही बीच में छोड़ दी।
क्या है PM इंटर्नशिप स्कीम (PMIS)? इस योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2024 में की गई थी। इसका लक्ष्य पांच वर्षों में देश की 500 बड़ी कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप दिलाना है। अक्टूबर 2024 में इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था, जिसमें एक साल में 1.25 लाख इंटर्नशिप देने का लक्ष्य था। सरकार ने बताया कि कंपनियों ने लक्ष्य पूरा कर दिया, लेकिन इसे लेने वाले युवाओं की संख्या बहुत कम रही।
युवाओं के इंटर्नशिप न लेने की मुख्य वजह मंत्रालय ने फीडबैक सर्वे और कंपनियों से बातचीत के बाद कुछ प्रमुख कारण बताए, सबसे बड़ा कारण था लोकेशन। कई उम्मीदवारों ने बताया कि कंपनी और घर के बीच 5 से 10 किलोमीटर की दूरी उनके लिए मुश्किल थी। इसके अलावा
12 महीने की इंटर्नशिप अवधि बहुत लंबी लगी
कई उम्मीदवारों की उस पद में रुचि ही नहीं थी, जो उन्हें इंटर्नशिप के दौरान मिला था
बजट में बड़ी कटौती पायलट प्रोजेक्ट के लिए शुरुआती बजट 840 करोड़ रुपये रखा गया था। लेकिन वित्त वर्ष 2024-25 में इसे घटाकर 380 करोड़ रुपये कर दिया गया। अब तक इस प्रोजेक्ट पर 73.72 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।