वर्दी फिट नहीं होती, सुविधाएं पूरी नहीं मिलती,
बावजूद इसके रूस के खिलाफ डटकर लड़ रहीं हैं यूक्रेन की गर्भवती महिला सैनिकें
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Ukraine War: यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध जारी है, जिसमें रोज़ाना गोलियों की बौछार और धमाकों की गूंज सुनाई दे रही है। ऐसे खतरनाक हालातों के बीच यूक्रेनी सेना की गर्भवती महिलाएं भी मोर्चे पर डटी हैं। कुछ खंदकों में बैठकर सैनिकों की देखभाल कर रही हैं, तो कुछ घायल जवानों की जान बचाने में जुटी हैं। इन महिलाओं के लिए युद्ध केवल खतरे का नाम नहीं, बल्कि देश और नए जीवन के लिए जिम्मेदारी का प्रतीक है।
गर्भवती होकर भी ड्यूटी पर हैं महिलाएं
दी न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेनी सेना की कॉम्बैट मेडिकल टीम की सदस्य ओलेना गर्भवती होने के बावजूद मोर्चे पर डटी हैं। उन्होंने कहा, लोग सोचेंगे कि प्रेग्नेंसी में जंग लड़ना पागलपन है, लेकिन मैं इसे अलग तरह से देखती हूं। ओलेना आम जीवन में परिवार बसाना चाहती थीं, लेकिन देश सेवा का जज्बा भी उनके अंदर गहरा था। महिला सैनिकों की संख्या 2022 में रूसी हमले के बाद से 70 हजार तक पहुंच चुकी है। इसमें कई महिलाएं गर्भवती होने के बावजूद मोर्चे पर डटी हैं। 25 साल की नादिया आठ महीने तक फ्रंटलाइन पर रेडियो ऑपरेटर रही और उसने बताया कि हर सुबह डर लगता था कि सब जिंदा हैं या नहीं। अस्पताल और अल्ट्रासाउंड जैसी सुविधाएं बंद होने के बावजूद उन्होंने ड्यूटी निभाई और फरवरी में बेटे यारोस्लाव को जन्म दिया।
सैन्य और मातृत्व के बीच संतुलन
यूक्रेनी सेना में गर्भवती महिलाएं सातवें महीने तक ड्यूटी कर सकती हैं। हालांकि यूनिफॉर्म फिट नहीं आती और मेडिकल सुविधाएं सीमित हैं, फिर भी महिलाएं देश और बच्चों के भविष्य के लिए बलिदान करती हैं। 39 साल की ओल्या कहती हैं, हमारे बच्चे ही इस देश का भविष्य हैं। हमें उनके भविष्य के लिए देश को आजाद कराना है। मां बनने के बाद सैनिकों के लिए हालात आसान नहीं। नादिया ने तीन साल की बिना सैलरी की छुट्टी ली, जबकि वेलेंटाइना जैसे कुछ सैनिक जल्दी ड्यूटी जॉइन कर गईं। डॉक्टर वीटा मारचेंको के अनुसार, संसाधन कम हैं, लेकिन गर्भवती महिला सैनिकों का इलाज किया जा सकता है।
समर्थन और सेवाएं
यूक्रेन में कुछ प्राइवेट संस्थाएं गर्भवती महिला सैनिकों की मदद कर रही हैं। जेमलियाचकी मेटरनिटी यूनिफॉर्म बनाती है और क्विट्ना मोबाइल क्लिनिक के जरिए मुफ्त हेल्थ सर्विस देती है। इन प्रयासों से महिला सैनिकों को युद्ध और मातृत्व दोनों निभाने में मदद मिल रही है।