ऑपरेशन सिंदूर पर टिप्पणी मामले में प्रोफेसर अली खान को जमानत,
कोर्ट का आदेश- नहीं रुकेगी जांच
1 months ago
Written By: NEWS DESK
Professor Ali Khan: सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी और गिरफ़्तारी के बाद हरियाणा की अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है। बताया जा रहा है कि, प्रोफेसर ने सेना के ऑपरेशन सिंदूर और इसके बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ टिप्पणियां की थीं, जिन्हें लेकर विवाद खड़ा हो गया था।
जमानत की शर्तें: न कमेंट, न स्पीच
मिली जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर को जमानत देते हुए निर्देश दिया है कि, वे ऑपरेशन सिंदूर, भारत में हुए आतंकी हमलों, या किसी भी जवाबी कार्रवाई पर कोई भी टिप्पणी या भाषण नहीं देंगे। इसके साथ ही अदालत ने जांच पर रोक लगाने से भी इनकार कर दिया है।
24 घंटे में बनेगी SIT
दरअसल, कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए 24 घंटे के भीतर 3 वरिष्ठ IPS अधिकारियों की एक SIT गठित करने के आदेश दिए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस SIT में एक महिला अधिकारी भी शामिल होगी। इस आदेश के अनुसार, SIT में हरियाणा और दिल्ली का कोई अधिकारी नहीं होगा। कोर्ट ने प्रोफेसर को पासपोर्ट सरेंडर करने और जांच में संपूर्ण सहयोग करने को भी कहा है।
FIR का सिलसिला: दो अलग-अलग शिकायतें
मिली जानकारी के मुताबिक, प्रोफेसर अली खान के खिलाफ सोनीपत के राई थाने में दो FIR दर्ज की गई हैं। पहली FIR जठेड़ी गांव के सरपंच की शिकायत पर दर्ज हुई, जबकि दूसरी हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया की शिकायत के आधार पर की गई थी।
महिला सैन्य अधिकारियों पर की आपत्तिजनक टिप्पणी
शिकायत के अनुसार, प्रोफ़ेसर अली खान ने 7 मई को सोशल मीडिया सहित सार्वजनिक मंचों पर ऑपरेशन सिंदूर में शामिल महिला सैन्य अधिकारियों, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिसके बाद इससे सेना के ऑपरेशन और महिला अधिकारियों की गरिमा पर सवाल खड़े हुए।
गिरफ्तारी और हिरासत का सिलसिला
मिली जानकरी के मुताबिक, सोनीपत पुलिस ने प्रोफेसर को दिल्ली के ग्रेटर कैलाश से गिरफ्तार किया था। उन्हें रविवार रात कोर्ट में पेश कर 2 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया तथा रिमांड अवधि पूरी होने के बाद 20 मई को फिर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 7 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।